लाल पत्थरों वाली शिल्पग्राम रोड ताज महल के पूर्वी गेट को आगरा-फतेहपुर रोड से जोड़ती है. इसी रोड पर आधा किलोमीटर की दूरी पर लगा एक पत्थर बगल के निर्माणाधीन भवन के "मुगल म्यूजियम" होने का इशारा करता है. हालांकि, अस्थाई लोहे के गेट पर लटका पीले रंग का बैनर इस निर्माणाधीन भवन के नए नामकरण "छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम" का ऐलान करता है. गेट के भीतर प्रवेश करते ही सरकारी धन की बर्बादी साफ दिखती है. दो दर्जन से अधिक महंगे कैसेट एयर कंडीशनर खुले में पड़े खराब हो रहे हैं. तीन मंजिला म्यूजियम भवन का ढांचा लंबे समय से अधूरा खड़ा अपनी बदहाली की गवाही दे रहा है. ताज महल के पूर्वी गेट से 1300 मीटर की दूरी पर मौजूद पॉवर हाउस की जमीन पर जनवरी, 2016 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने "स्टेट आफ द आर्ट मुगल म्यूजियम" का निर्माण शुरू कराया था. पांच एकड़ जमीन पर 141 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मुगल म्यूजियम का निर्माण दिसंबर 2017 तक पूरा हो जाने का लक्ष्य रखा गया था. पर्यटन विभाग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मुगल म्यूजियम के बेसमेंट में हस्तशिल्प बाजार, ग्राउंड फ्लोर पर सेमिनार हाल और आर्ट गैलरी बनाई जानी थी. प्रथम तल पर एक आडिटोरियम बनना था. प्रीकास्ट तकनीक पर बनने वाले प्रदेश के इस पहले प्रोजेक्ट का निर्माण शुरुआती पहले साल काफी तेजी से हुआ. इस दौरान 99 करोड़ रुपए से म्यूजियम भवन का ढांचा खड़ा हो गया.
ताजनगरी पर 'दाग' बनीं अधूरी योजनाएं
आइटी पार्क: आगरा में ताज महल के कारण प्रदूषण मुक्त उद्योग लगाने के प्रयास शुरू हुए थे. इसी के तहत वर्ष 1998 में आगरा में आइटी पार्क बनाने की योजना बनी. आगरा विकास प्राधिकरण ने शास्त्रीपुरम इलाके में ढाई एकड़ जमीन "सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क्स ऑफ इंडिया” को आइटी पार्क निर्माण के लिए सौंपी. करीब 20 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले आइटी पार्क का निर्माण 24 वर्ष बीतने के बाद भी पूरा नहीं हुआ है.
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 21, 2022 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة September 21, 2022 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
शोख सनसनी दिल्ली की
आर्ट क्यूरेटर, परोपकारी और सोशल मीडिया सनसनी शालिनी पासी नेटफ्लिक्स की सीरीज फैबुलस लाइव्ज वर्सज बॉलीवुड वाइव्ज में शिरकत करने के बाद मिली शोहरत का मजा ले रहीं
पाइ पटेल की भारत यात्रा
यान मार्टेल के चर्चित उपन्यास लाइफ ऑफ पाइ पर फिल्म भी बनी. और अब यह पुरस्कार विजेता नाटक
कला कनॉट प्लेस के इर्द-गिर्द की
धूमीमल गैलरी में चल रही प्रदर्शनी ज्वॉइनिंग द डॉट्स दिल्ली के सांस्कृतिक दिल कनॉट प्लेस के चिरस्थायी आकर्षण को एक तरह की आदरांजलि
हिंदुस्तानी सिनेमा की एक नई रौशनी
फिल्मकार पायल कपाडिया इन दिनों एक अलग ही रंगत में हैं. वजह है उनकी फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और उन्हें मिल रही विश्व प्रसिद्धि. उनका सफर एक बड़े सिनेमाई मुकाम पर जा पहुंचा है. अब यहां से इस जुनूनी आर्टिस्ट का करियर एक नई उड़ान लेने को तैयार
रतन टाटा जिन्हें आप नहीं जानते
पिछले महीने 86 वर्ष की उम्र में दिवंगत हुए रतन टाटा. भारत की सबसे पुरानी विशाल कंपनी के चेहरे रतन को हम में से ज्यादातर लोगों ने जब भी याद किया, वे एक सुविख्यात सार्वजनिक शख्सियत और दूसरी ओर एक रहस्यमय पहेली के रूप में नजर आए.
विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.