एक बार फिर, हम तकनीकी क्रांति के मुहाने पर खड़े हैं, इस बार इसका नेतृत्व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) कर रहा है. तकनीकी विकास की भव्य कहानी में एआइ किसी आवर्ती मूल भाव की तरह भरपूर संभावनाओं के साथ हर कुछ दशकों में उभरता है, लेकिन हमारी आसमान छूती उम्मीदों के सामने छोटा पड़ जाता है. हालांकि आज कहानी अलग तरह से सामने आ रही है; एआइ की हालिया प्रगति केवल एक क्षणभंगुर आकर्षण नहीं है - वह एक परिवर्तनकारी ताकत है जो हमारी दुनिया को नया आकार देगी.
इस बदलाव के केंद्र में 'ट्रांसफॉर्मर' हैं, जो एआइ एल्गोरिद्म का एक अभूतपूर्व वर्ग है. ये एल्गोरिद्म पहले से अकल्पनीय तरीकों से टेक्स्ट को पढ़ते हैं और उसकी व्याख्या करते हैं, शब्दों के विशाल पुस्तकालयों को जज्ब कर लेते हैं, भाषा के जटिल नृत्य को समझते हैं, और ऐसे टेक्स्ट को तैयार करते हैं जो आश्चर्यजनक रूप से इंसान की ओर से तैयार लगता है.
लेकिन वे ऐसा गजब का काम कैसे कर लेते हैं? यहां एक बेहद मामूली व्याख्या दी गई है जिसमें बारीकियां और जटिलता नहीं है. जरा सोचिए कि आपने लाइब्रेरी की हरेक किताब को शब्दों की लय और प्रवाह के साथ आत्मसात करते हुए पढ़ा है. फिर आप एक निबंध लिखना शुरू करते हैं और 'नीला' शब्द के बाद सबसे सटीक शब्द चुनने की कोशिश करते हैं. आपके पढ़े गए पाठ के आधार पर, आपका दिमाग पहले देखे गए विकल्पों को तलाशता है- समुद्र, आसमान, रात, स्टील, आंखें - हर सटीक शब्द को तौलता है. लेकिन आपकी पसंद पहले आए शब्दों की सिम्फनी के साथ ही उस संदर्भ से भी सूचित होती है जिसमें ये शब्द लिखे गए थे. इसी तरह, ये एल्गोरिद्म कई पूर्ववर्तियों पर विचार करके अगले शब्द की भविष्यवाणी करते हैं, फिर सबसे संभावित अगले शब्दों की एक छोटी सूची से चयन करते हैं. इसलिए अगर पहले के पैराग्राफ पर्यावरण के बारे में हैं, तो अगले शब्द के लिए संभावित उम्मीदवार शब्द शायद 'महासागर' या 'आसमान' है. लेकिन आप किसे चुनते हैं? ये एल्गोरिद्म अक्सर बेतरतीब ढंग से ऐसी सूची से अगला शब्द चुनते हैं ! और यह बेतरतीबी एक उल्लेखनीय रचनात्मक रचना के रूप में प्रकट होती है (यह सवाल कभी और पूछा जा सकता है- तो क्या रचनात्मकता किसी प्रकार की बेतरतीबी है?). चैटजीपीटी जैसे टूल की सहज और बुद्धिमान प्रतिक्रियाओं के पीछे यही राज है.
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 17, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة January 17, 2024 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.