![मजबूत किले की पहरेदारी मजबूत किले की पहरेदारी](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1715585642/articles/3yVWvDWeN1715594738832/1715595122944.jpg)
भोपाल विधानसभा सीट के अंतर्गत हुजूर क्षेत्र निवासी भाजपा कार्यकर्ता और 50 वर्षीय किसान कमल नाइक को 21 अप्रैल को फोन पर जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन बाद राज्य की राजधानी में एक रोड शो करने वाले हैं. नाइक उस समय उपज बेचने के लिए गेहूं खरीद केंद्र में अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे. यह बात उनकी समझ से परे थी कि आखिर भोपाल में ऐसे आयोजन की क्या जरूरत क्योंकि यह तो भाजपा का मजबूत गढ़ है और पार्टी 1989 से ही यहां शानदार जीत दर्ज करती आ रही है. बहरहाल, उन्होंने कुछ लोगों को जुटाया और निर्धारित समय पर कार्यक्रम स्थल पहुंच गए. आखिरकार, उन्हें इसके पीछे का तर्क समझ आ ही गया. चिलचिलाती धूप में प्रधानमंत्री मोदी के आगमन का इंतजार कर रहे नाइक की टिप्पणी थी, "भोपाल में जीत पहले से तय है फिर भी हमारे चुनाव लड़ने का तरीका यही है. हम आखिरी क्षण तक कोई मौका नहीं छोड़ते."
भाजपा यह लोकसभा चुनाव 2023 के विधानसभा चुनाव में अपनी व्यापक जीत के कुछ महीनों बाद ही होने के बावजूद कहीं कोई कसर नहीं छोड़ रही है क्योंकि वह मजबूत जनादेश हासिल करने की मंशा रखती है. अन्य राज्यों की तरह यहां भी पार्टी मुख्यतः अपने घोषणापत्र के आधार पर चुनाव लड़ रही है, जिसका शीर्षक 'मोदी की गारंटी' है. मोदी सरकार के पिछले एक दशक के कामकाज को रेखांकित करने के साथ इसमें चार प्रमुख समूहों - गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी-के विकास पर जोर दिया गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे में हर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का मुकाबला सीधे प्रधानमंत्री मोदी के साथ है, क्योंकि पार्टी अपने सबसे बड़े तुरुप के पत्ते यानी प्रधानमंत्री के सहारे एक और जोरदार जीत दर्ज करने की उम्मीद कर रही है.
वैसे, इन 'गारंटियों' के अलावा, भाजपा के चुनावी तंत्र ने कांग्रेस के खिलाफ एक तरह की मनोवैज्ञानिक जंग भी छेड़ दी है. इस वजह से खासकर बूथ स्तर के पदाधिकारियों में भगदड़ मची, और कई नेताओं के कांग्रेस छोड़ने से मुख्य विपक्षी पार्टी का मनोबल धराशायी हो गया. मध्य प्रदेश की चुनावी जंग -जहां कुल 29 सीटों में से बाकी बची आठ पर 13 मई को मतदान होना है-के चारों चरणों में भाजपा के इसी तरह हावी रहने की रणनीति के साथ मैदान में उतरने से कांग्रेस की असली लड़ाई केवल तीन-चार सीटों तक ही सिमटकर रह गई.
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![रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/V1y3fpEIW1739185336590/1739185578189.jpg)
रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी
कहते हैं उपनिषदों का ज्वलंत ज्ञान सबके लिए नहीं है. वजहः यह बुद्धि मात्र की यानी सिर्फ बौद्धिक उपलब्धि नहीं बल्कि शरीर पर उसके निरंतर गहन अभ्यास से आप वहां तक पहुंचते हैं. लेकिन संगम में स्नान के लिए वे विभूतियां भी आती हैं जो तमाम सांसारिक आकर्षणों से दूर हो चुकी हैं.
![तगड़ा झटका तगड़ा झटका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/UozqDkrAT1739181839176/1739182008378.jpg)
तगड़ा झटका
दरअसल, दंडकारण्य के घने जंगलों में, जहां पत्तों की हर सरसराहट के साथ शिकार और शिकारी के बीच की सीमा रेखाएं धुंधली पड़ जाती हैं, अभी-अभी वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ देश की लंबे वक्त से चल रही लड़ाई का एक नाटकीय अध्याय लिखा गया.
![क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/dqcZ9XC8R1739182755901/1739183432199.jpg)
क्राइम कैपिटल की छवि से उबरने को कसमसाता एक शहर
कभी औद्योगिक शहर की पहचान रखने वाला मोकामा आखिर नब्बे के दशक में कैसे बना बिहार का क्राइम कैपिटल? अपनी बदनाम छवि से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा यह शहर हाल में गुटों के बीच भारी गोलीबारी से एक बार फिर दहला
![बढ़िया, संतुलित कदम बढ़िया, संतुलित कदम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/LkrLRStgQ1739182151613/1739182432303.jpg)
बढ़िया, संतुलित कदम
अब जब बाहरी दुनिया में अनिश्चितता दिख रही है तो 2025 के बजट में कुछ बेहद आवश्यक आश्वासन दिए गए हैं, साथ ही राजकोषीय विवेक की सीधी और संकरी राह का अनुसरण किया गया है
![विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/HuuKZSb_Y1739183703170/1739184010840.jpg)
विश्व का सबसे खतरनाक गेंदबाज
आइसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर जसप्रीत बुमरा ने 2024 में इतने रिकॉर्ड तोड़े कि गिने न जाएं. अव्वल तेज गेंदबाज पाने भारत की दुआएं रंग लाईं. और अब तो वे एक कदम आगे बढ़कर खेल के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाज बन गए
![किताबें, किरदार और ककड़ी किताबें, किरदार और ककड़ी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/Gbo_ZsIlR1739184011878/1739184202227.jpg)
किताबें, किरदार और ककड़ी
बाकी के रूटीनी मेलों से कितना अलग होता है किताबों और थिएटर के उत्सव-जलसों का मिजाज! जरूरत की या लक्जरी चीजों को खरीदने-बेचने के हड़बोंग से हटकर यहां दिखती है अपने भीतरी सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की बेचैनी (संदर्भ: प्रगति मैदान में दिल्ली विश्व पुस्तक मेला; राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में भारंगम). थोड़ा सजग रहें तो कई गुदगुदाते वाकयों से भी आप गुजरते हैं.
![छिड़ गया सत्ता संघर्ष छिड़ गया सत्ता संघर्ष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/3LLiwnUS91739181555756/1739181657557.jpg)
छिड़ गया सत्ता संघर्ष
कश्मीर के बडगाम में गणतंत्र दिवस पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के अध्यक्ष नजीर अहमद खान के तिरंगा फहराने के दौरान एक नामौजूदगी साफ नजर आई. जिले के चारों विधायक उस समारोह से नदारद रहे.
![पिछड़ों की परवाह पिछड़ों की परवाह](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/eTMtDBOXm1739181374310/1739181552964.jpg)
पिछड़ों की परवाह
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने 4 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया, जिसमें एक प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि राज्य के महत्वाकांक्षी जात सर्वेक्षण की तर्ज पर पूरे देश में जाति गणना कराई जाए. हालांकि, गोपनीयता संबंधी चिंताएं जाहिर करते हुए विस्तृत रिपोर्ट पेश किए बिना ही प्रस्ताव को पारित कर दिया गया.
![ममता पर उत्तर पड़े अखाड़े में ममता पर उत्तर पड़े अखाड़े में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/K8mZQ7w711739183441045/1739183681656.jpg)
ममता पर उत्तर पड़े अखाड़े में
कभी ग्लैमरस अभिनेत्री रहीं ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने के बाद शुरू हुआ बखेड़ा. अखाड़ों में बढ़ते वैभव के चलते लगा महामंडलेश्वर बनने का चस्का
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देसी स्वाद की देवी
रेस्तरां मालिक ऋतु डालमिया लंबे वक्त की अपनी साथी माइकेला टेडसन के साथ हाल ही हुई शादी के बाद घर में खुशियों का मजा ले रही हैं