يحاول ذهب - حر

न्यायपालिका पर धुध

April 09, 2025

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दिल्ली हाइकोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायाधीश के आवास पर एक दिन देर रात को लगी आग की लपटें देश में कहीं ज्यादा तूफान उठा रही हैं. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास के आउट हाउस में 14 मार्च की रात करीब 11.30 बजे आग लग गई. उस समय न्यायमूर्ति वर्मा और उनकी पत्नी भोपाल में थे.

- कौशिक डेका

न्यायपालिका पर धुध

घर पर सिर्फ उनकी बेटी और बुजुर्ग मां ही थीं. आग की सूचना पर दमकल वाले और पुलिस मौके पर पहुंची तो कथित तौर पर उन्होंने पाया कि स्टोररूम में ढेर सारे नोटों भरे थैले हैं. उनमें से कुछ आग की लपटों में जल गए थे. इस खुलासे से देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था में जवाबदेही, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को लेकर संगीन सवाल खड़े हो गए हैं.

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शिता की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाते हुए घटनास्थल वीडियो और तस्वीरें जारी कर दीं, जिनमें जले मलबे के बीच नोटों के बंडल दिखाई दे रहे थे. नकदी का जखीरा पाए जाने से न्यायपालिका असहज रूप से सुर्खियों में आ गई है, इसकी स्व-नियामक व्यवस्था को चुनौती मिली है। और न्यायाधीशों के लिए न्याय प्रशासन के तरीके के बारे में अनेक बुनियादी सवाल खड़े हो गए हैं.

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) संजीव खन्ना ने 23 मार्च को इस मामले की आंतरिक जांच के लिए पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश हाइकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ-साथ कर्नाटक हाइकोर्ट के एक न्यायाधीश की तीन सदस्यीय समिति गठित की. तब से दिल्ली हाइकोर्ट ने अगले आदेश तक न्यायमूर्ति वर्मा से सभी न्यायिक कार्य वापस ले लिए हैं, जो इसके कॉलेजियम के सदस्य भी हैं. हालांकि उन्होंने मिली रकम से किसी भी तरह के संबंध से साफ इनकार किया है. उन्होंने उस आउटहाउस के बारे में बताया कि जहां आग लगी थी, वह जगह उनके रिहाइशी क्वार्टर से 'पूरी तरह से अलग' थी. उन्होंने बताया कि वह स्थान "खुला था और सामने के गेट के साथ-साथ स्टाफ क्वार्टर के पिछले दरवाजे से भी वहां पहुंचा जा सकता है.

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هذه القصة من طبعة April 09, 2025 من India Today Hindi.

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