टैंक को स्वदेशी बनाने की कनपुरिया तकनीक

मनोज गुप्ता, 57 वर्ष कानपुर
यहां के पहले तल पर मनोज गुप्ता के कमरे की अलमारियां रक्षा उपकरणों के डिजाइन की फाइलों से भरी पड़ी हैं. उनकी कंपनी एमजी टेक्निकल्स की पहचान उत्तर प्रदेश के उस इकलौते कारखाने के रूप में है जो बख्तरबंद गाड़ियों के लिए इलेक्ट्रिकल उपकरण बना रही है.
कानपुर के तिलक नगर में रहने वाले मनोज के पिता शैलेंद्र गुप्ता की इंजीनियरिंग इंडस्ट्री थी जहां सोम फैन्स के नाम से सीलिंग और एग्जॉस्ट फैन बनते थे. यहां कुछ छोटे रक्षा उपकरण भी बना करते थे. 1990 में परिवार में बंटवारा होने पर मनोज के पिता के हिस्से में फैक्ट्री का वह हिस्सा आया जो रक्षा उपकरण बनाती थी. हालांकि उस वक्त केवल रक्षा उपकरण बनाकर फैक्ट्री चलाना घाटे का सौदा था. इसी दौरान मनोज बेंगलूरू के एमएस रामैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी से इंजीनियरिंग पढ़कर लौटे. उस वक्त कानपुर में रक्षा उपकरण बनाने की कोई विशेष इंडस्ट्री नहीं थी. मनोज ने रक्षा उपकरण निर्माण की ही फैक्ट्री लगाने का फैसला किया.
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