जानकार बताते हैं की डॉ. आर. बी. त्रिपाठी साल 1988 में आईएमए के सचिव नियुक्त हुए और लगातार 22 वर्षों तक इस पद पर रहते हुए चिकित्सकों के लिए काफी काम किया। सोशल वर्क थ्रू सोशल रिसोर्सेस के सिद्धांत को मानने वाले डॉ. त्रिपाठी का कहना है की हमारे लिए चिकित्सा के जरिये समाज सेवा एक बेहतर विकल्प है। मैं अपने मरीजों को ही अपना भगवान् मानता हूँ और उनकी सेवा ही मेरा धर्म है।
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विश्व चैंपियन गुकेश
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