बच्चों को पढ़ाई के साथ स्किल्स भी सिखाएं
Sarita|December Second 2022
जीवन में पढ़ाई की बहुत अहमियत है, इस से आप जानकारी में हासिल करते हैं पर पढ़ाई के साथसाथ उन व्यावहारिक स्किल्स का होना जरूरी है जो आप के नागरिक होने और बेहतर कैरियर के लिए बेहद जरूरी हैं.
रोहित
बच्चों को पढ़ाई के साथ स्किल्स भी सिखाएं

दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में रहने वाला 19 वर्षीय रिषभ शुरू में पढ़ाई में अच्छा था. 8वीं तक हर क्लास में अच्छे मार्क्स भी लाया करता था. पढ़ाई में अच्छा होने के चलते उस के मातापिता उसे उन बच्चों से दूर रखने लगे थे जो क्लास के या तो कमजोर स्टूडैंट्स में गिने जाते थे या एवरेज. वे मानते थे कि अगर वह बाकी बच्चों से घुलेमिलेगा तो उन का प्रभाव रिषभ पर पड़ने लगेगा और वह भी पढ़ाई में कमजोर हो जाएगा.

इसी कारण उस की कालोनी में उस के कम ही दोस्त बन पाए थे. वह अधिकतर समय किताबों के साथ रहता या अकेला घर में समय बिताता. उसे किसी तरह की दिक्कत न आए, इस के लिए उस के मातापिता ने घर में ही होम ट्यूशन लगा रखी थी.

यह सही है कि छोटे बच्चों के लिए शुरू में मातापिता दोस्त जैसे होते हैं क्योंकि बच्चों की केयरिंग करने की जरूरत होती है पर उम्र बढ़ने के साथ बच्चे को कुछ तरह की जिम्मेदारी और अधिकार मिलना या उसे खुद पर निर्भर रहना सिखाना अच्छा होता है. यह बात उस के मातापिता समय रहते नहीं समझ पाए. ऐसा होने से रिषभ इंट्रोवर्ट बनता चला गया.

उस की उम्र के बच्चे उस के दोस्त न होने से वह उन ऐक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करने से घबराता रहा जहां वह कई चीजें एक्सप्लोर कर सकता था, नए स्किल्स डैवलप कर सकता था. वह न तो स्पोर्ट्स में था, न स्कूल के डांस कंपीटिशन में भाग लेता, न किसी ड्रमैटिक सोसाइटी का हिस्सा. उस के भीतर कौन्फिडेंस की कमी आने लगी. दबासहमा सा रहने के चलते 12वीं तक आते आते उस की पढ़ाई पर भी असर पड़ने लगा.

विकासपुरी में रहने वाले आदर्श के साथ मामला उलट था. आदर्श बचपन से हाजिरजवाबी में तेज था. हाजिरजवाब होना गलत नहीं पर मातापिता का इस बात पर अत्यधिक गर्व करना और उसे पुचकारना उस के हौसले को गलत दिशा में ले जाता रहा. उस की हाजिरजवाबी बदतमीजी में बदलते देर नहीं लगी. आदर्श धीरेधीरे घर आए मेहमानों, स्कूल टीचरों, आसपड़ोसियों से भी बदतमीजी से बात करने लगा. एक बार शंतो आंटी घर आई थीं. जैसे ही आंटी ने उस से पूछा कि पढ़ाई कैसी चल रही है बेटा, आदर्श ने आव देखा न ताव तुरंत कहा, "आप के बेटे को पढ़ाई में दिक्कत है, मुझे नहीं. उस की चिंता करो." आदर्श के इस जवाब से आसपास सब हंसने लगे. शंतो आंटी भी भले ऊपरी मन से मुसकरा दीं लेकिन अंदरअंदर उन्हें बहुत बुरा लगा.

هذه القصة مأخوذة من طبعة December Second 2022 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة December Second 2022 من Sarita.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من SARITA مشاهدة الكل
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
Sarita

मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान

हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.

time-read
3 mins  |
February First 2025
सरकार थोप रही मोबाइल
Sarita

सरकार थोप रही मोबाइल

सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?

time-read
2 mins  |
February First 2025
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
Sarita

सास बदली लेकिन नजरिया नहीं

सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.

time-read
5 mins  |
February First 2025
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
Sarita

अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़

डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.

time-read
10 mins  |
February First 2025
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
Sarita

किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक

यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?

time-read
10+ mins  |
February First 2025
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
Sarita

युवाओं के सपनों के घर पर डाका

नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्‍या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.

time-read
6 mins  |
February First 2025
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
Sarita

मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी

बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.

time-read
8 mins  |
February First 2025
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
Sarita

अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त

एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?

time-read
6 mins  |
February First 2025
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
Sarita

ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों

कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.

time-read
6 mins  |
January Second 2025
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
Sarita

बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र

देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.

time-read
3 mins  |
January Second 2025