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सूर्योपासना का पर्व है मकर संक्रांति

January 2024

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Jyotish Sagar

प्रत्येक साल सूर्य भगवान् जब धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब सूर्योपासना के रूप में 'मकर संक्रांति का पर्व की मनाया जाता है।

- डॉ. हनुमान प्रसाद उत्तम

सूर्योपासना का पर्व है मकर संक्रांति

इस दिन से गति उत्तरायण होने से इस पर्व को ‘उत्तरायणी' भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन यज्ञ में अर्पित किए गए द्रव्य पदार्थों को ग्रहण करने के लिए देवता पृथ्वीलोक पर अवतरित होते हैं, इसलिए मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में स्नान करके पूजा-पाठ, दान, श्राद्ध, तर्पण, यज्ञ और मन्त्रादि जप करना शुभ फलदायी माना गया है।

संक्रांति के विभिन्न स्वरूप

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तन्त्र में पुरश्चरण विधान

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नवांश से विवाह विवेचन

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November 2025

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जानें वह गुप्त हनुमत्साधना, जिसे श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया

महाभारत युद्ध से पूर्व श्रीकृष्ण जानते थे कि पाण्डवों का पक्ष निर्बल है, क्योंकि कौरवों के पक्ष में अजेय योद्धा भीष्म और द्रोणाचार्य के अलावा महारथी कर्ण, कृपाचार्य आदि भी थे, जिन्हें सामान्य शस्त्रों से पराजित करना सम्भव नहीं था।

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सूक्ष्म शरीर एवं उसकी असीम शक्ति

भारतीय दर्शन के अनुसार देह के तीन भेद हैं—(1) स्थूल देह, (2) सूक्ष्म देह और (3) कारण देह। दिखाई देने वाला पार्थिव शरीर ही स्थूल शरीर है। इससे परे सूक्ष्म शरीर है। सूक्ष्म शरीर कैसा है? किन तत्त्वों से बना हुआ है और उनमें क्या विशेषताएँ हैं? उसके चारों ओर फैला आभामण्डल कैसा है? आदि विषयों पर विद्वानों ने विभिन्न मत प्रस्तुत किए हैं। विश्व के प्रायः सभी धर्म और सम्प्रदाय सूक्ष्म शरीर के अस्तित्व पर विश्वास करते हैं।

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॥ आत्मदीपो भव ।।

दीपक ज्ञान एवं प्रकाश का सदैव से प्रतीक रहा है। दीपोत्सव पूर्व वैदिक काल से भारत ही नहीं, वरन् विश्व के अधिकांश भागों में मनाया जाता रहा है। आज से लगभग 3,000 वर्षों पूर्व विश्व की आदिम जातियाँ प्रकृति पूजक ही रही हैं। अग्नि ऊर्जा का रूप है, जिसका अधिदेवता सूर्यदेव को माना गया है। दीपोत्सव प्रकाशमय पर्व है। ज्योति अर्थात् प्रकाश की उपासना का उल्लेख भारतीय वाङ्मय वेदों में भी हुआ है। यथा;

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गुजरात की आस्था का अद्भुत तीर्थ डाकोर का रणछोड़राय मन्दिर

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