वह दुकान के अंदर गया और मालिक से बोला, “सेठजी प्यास लगी है थोड़ा पानी पिला दो।" सेठजी ने कहा कि अभी मेरे पास कोई आदमी नहीं है और ये कहकर उसने अपना मुँह फेर लिया। प्यासा आदमी पानी की तलाश में आसपास गया पर कहीं भी पानी नहीं मिला। कुछ देर बाद वह लौट आया और दुकान के मालिक से फिर बोला, “सेठजी, सचमुच बहुत प्यास लगी है थोड़ा पानी पिला दो।” सेठजी ने झुंझलाते हुए कहा कि अभी बोला था न कि कोई आदमी नहीं है। प्यासे आदमी ने बड़ी दीनता से कहा, “सेठजी थोड़ी देर के लिए आप ही आदमी बन जाइए न !” इस दृष्टान्त को कई जगह कई बार पढ़ने का अवसर मिला । हर बार इस दृष्टान्त ने कुछ सोचने पर मजबूर किया। थोड़ी देर के लिए आप ही आदमी बन जाइए इन शब्दों में कितना गहरा अर्थ छुपा हुआ है। मानवता की इससे अच्छी व्याख्या क्या हो सकती है?
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प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष