वल्लियप्पन उलगनाथन चिदम्बरम पिल्लै एक राजनेता एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। वे बाल गंगाधर तिलक के शिष्य थे। उन्हें 'कप्पलोट्टिय तमिलन' अर्थात् जहाज चलानेवाला तमिल आदमी कहा जाता था। भारतीय जलयान उद्योग को सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए उन्हें स्मरण किया जाता था। साथ ही वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी भी थे। भारतीय जहाज कम्पनी शुरू करने के कारण उन्हें अंग्रेज सरकार ने अत्यधिक प्रताड़ित किया । वे लम्बे समय तक जेल में भी बंद रहे जहाँ उन्हें कोल्हू में भी जोता गया। वी. ओ. चिदम्बरम पिल्लै क जन्म ५ सितम्बर, १८७२ में तमिलनाडु के तूतुकुड़ी जिला के ओट्टपिडारम् में हुआ था। उनके पिता वकील थे जिनका नाम उलगनातन पिल्लै तथा माता का नाम परमाई अम्माल था। बचपन से ही उन्हें अपनी दादी माँ, दादाजी, माता-पिता से रामायण, महाभारत, भगवान शिव की कहानियां सुनने को मिलीं। इसके साथ ही वे कबड्डी, घुड़सवारी, तैराकी, सर्प की तरह रेंगना, धनुर्विद्या, मल्ल, गोली और शतरंज खेलते थे। बालपन से ही उन्होंने अंग्रेजी भाषा का अध्ययन किया। उनकी शिक्षा सेण्ट जेवियर हाईस्कूल, काल्डवेल हाईस्कूल तूतुकुड़ी और हिन्दू हाईस्कूल तिरुनेलवेली में हुई। उनकी कानून की पढ़ाई सन १८६४ में तिरुचिरापल्ली में सम्पन्न हुई। सन १८६५ से उन्होंने ओट्टपिडारम् पहुँचकर वकालत प्रारम्भ कर दी।
هذه القصة مأخوذة من طبعة Kendra Bharati - November 2022 من Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة Kendra Bharati - November 2022 من Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष