भारत के सामंत और वर्तमान संवैधानिक भारतीय लोकतंत्र में राम के आदर्श मूल्य और में रामराज्य की परिकल्पना प्रकट अथवा अप्रगट रूप में सदैव विद्यमान रही है। अतएव रामायणकालीन मूल्यों ने भारतीय जन-मानस को सबसे ज्यादा उद्वेलित किया है। इस जन समुदाय में रामकथाओं में उल्लेखित वे सब वनवासी जातियां भी शामिल हैं, जिन्हें वानर, भालू, गिद्ध, गरुड़ भील, कोल, नाग इत्यादि कहा गया है। यह सौ प्रतिशत सच्चाई है कि ये लोग वन-पशु नहीं थे। इसके उलट वन-प्रान्तों में रहनेवाले ऐसे विलक्षण समुदाय थे, जिनकी निर्भरता प्रकृति पर अवलम्बित थी। उस कालखंड में इनमें से अधिकांश समूह वृक्षों की शाखाओं, पर्वतों की गुफाओं या फिर पर्वत शिखरों की कंदराओं में रहते थे। ये अर्धनग्न अवस्था में रहते थे और रक्षा के लिए पत्थर और लकड़ियों का प्रयोग करते थे। राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए इन्हीं बनवासियों का सहयोग लिया। जिन वन्य प्राणियों के नाम से इन वनवासियों को रामायण काल में चिन्हित किया गया है, सम्भव है, ये लोग अपने समूहों की पहचान के लिए उपरोक्त प्राणियों के मुख के मुखौटे भारण करते हों। रांगेय राघव ने अपनी पुस्तक 'महागाथा' में यही अवधारण दी है।
هذه القصة مأخوذة من طبعة March 2023 من Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة March 2023 من Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष