किट्टी पार्टीज साजिश नहीं तो और क्या
Grihshobha - Hindi|February First 2023
कहीं महिलाओं के बढ़ते कदमों को रोकने की साजिश तो नहीं हैं किट्टी पार्टीज, एक बार जानिए जरूर...
गरिमा पंकज
किट्टी पार्टीज साजिश नहीं तो और क्या

प्रियंका की शादी हाल ही में हुई थी. उस की उम्र ज्यादा नहीं थी इसलिए पतिपत्नी ने फिलहाल बच्चों के बारे में नहीं सोचा. घर के काम निबटाने के बाद प्रियंका के पास काफी समय होता था. यही वजह थी कि उस ने आगे पढ़ने की सोची. शादी से पहले वह ग्रैजुएशन कर चुकी थी और अब एमए करना चाहती थी ताकि जरूरत पढ़ने पर उसे कोई अच्छी नौकरी मिल सके. उस के पति ने भी उसे पढ़ाई की अनुमति दे दी.

मगर जब यह बात प्रियंका की सास तक पहुंची तो वे अड़ गईं. उन्हें प्रियंका के कालेज जाने का कोई मतलब समझ में नहीं आ रहा था. उन्हें डर था कि आगे पढ़ाई करने पर बहू उन के हाथ से निकल जाएगी. इसी वजह से सास ने कम उम्र की मात्र ग्रैजुएट लड़की से अपने बेटे की शादी की थी ताकि बहू वश में रहे.

सास ने कुछ सोचते हुए प्रियंका से कहा, "बेटा तू जानती है मैं हर 15 दिन बाद कहां जाती हूं.?"

"जी आप किट्टी पार्टी में जाती हैं. आप की उम्र की महिलाओं ने मिल कर यह ग्रुप बनाया है. मेरी बूआ ने भी ऐसी एक किट्टी पार्टी जौइन कर रखी है," प्रियंका ने जवाब दिया.

सास ने दांव फेंकते हुए कहा, "तो क्या तेरा मन नहीं करता कि तू भी ऐसी किसी किट्टी पार्टी का हिस्सा बने और इस का आनंद उठाए? इस महल्ले में एक किट्टी पार्टी सासों की चलती है और एक बहुओं की. तू बहुओं वाली जौइन कर ले, फिर तेरे सिर से यह पढ़ाईवढ़ाई का भूत उतर जाएगा. एक पार्टी से हो कर आएगी तो फिर दूसरी की तैयारी में लग जाएगी. तुझे पता है वहां कितनी बातें सीखने को मिलती हैं, नएनए व्यंजन, नएनए फैशन ट्रिक्स, गौसिप और गेम्स. कितना मनोरंजन होता है, सच बहुत मजा आता है. बहुत सारी सहेलियां बन जाएंगी तेरी. मुझे भी मेरी सास ने ही इस की आदत लगाई थी. जा तू भी ऐंजौय कर. तेरा भी मन लगा रहेगा."

प्रियंका बेचारी क्या करती, सास की बात मान वह भी किट्टी पार्टीज का हिस्सा बन गई और ऐसी महिलाओं से घिर गई जिन के जीवन का मकसद गौसिप, शिकायतबाजी और मनोरंजन से बढ़ कर कुछ नहीं था. इस के विपरीत यदि प्रियंका पढ़ने जाती तो कालेज में कैरियर के लिए सजग महिलाओं से मिलती और उस की भी कुछ बड़ा करने की इच्छा होती. मगर सास ने बड़ी चालाकी से इस संभावना पर ही पूर्णविराम लगा दिया.

هذه القصة مأخوذة من طبعة February First 2023 من Grihshobha - Hindi.

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