बढ़ते शहरीकरण के चलते लोगों का क्रेज ब गांवों को देखने और समझने का होने लगा है. इस के चलते ही ग्रामीण टूरिज्म बढ़ने लगा है. अब लोग घूमने वाली जगहों पर जाते हैं तो मुख्य स्थल पर न रुक कर आसपास के गांवों में बने होटलों में रहते हैं. इस के कई लाभ हैं. एक तो यहां शहरों जैसी भीड़ नहीं होती, यहां का हराभरा प्राकृतिक माहौल पंसद आता है और ताजा व स्वादिष्ठ खाना मिलता है. गांव का माहौल मिलता मन को सुकून देता है. सब से बड़ी बात शहरों के मुकाबले यहां कम खर्च होता है. ऐसे में फैमिली और दोस्तों के साथ यहां घूमना मजेदार होता है.
राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू कश्मीर ही नहीं अब उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के गांवों में भी लोग इस तरह के होटल बनाने लगे हैं जहां लोग आ कर रह सकते हैं. ऐसे स्थान कई मशहूर पर्यटन स्थलों के आसपास बनने लगे हैं ताकि पर्यटक वहां रुक कर घूमने का मजा ले सकें. राजस्थान में पुरानी हवेलियों को होटल के रूप में प्रयोग करने का चलन पुराना है.
अब उत्तर प्रदेश सरकार भी पुरानी हवेलियों और राजाओं के महलों को होटल बनाने की संभावना तलाश रही है. अब युवावर्ग भी पर्यटन कारोबार में आगे आ रहा है. कई रिजोर्ट और रेस्तरां ऐसे हैं जिन को लड़कियां ही संचालित कर रही हैं. पहाड़ी इलाकों में जहां गरमियों में पर्यटक ज्यादा जाते हैं वहीं मैदानी इलाकों में बाहर से आने वाले पर्यटक अक्तूबर से अप्रैल तक आते हैं. बहुत गरमी और बरसात में यहां कम घूमने आते हैं. वाइल्ड लाइफ को देखने वाले मध्य प्रदेश जाना जरूर पंसद करते हैं.
पन्ना का 'नाहर बाग राजगढ़'
मध्य प्रदेश में पन्ना जिला पन्ना टाइगर रिजर्व के साथसाथ वाटरफौल और मंदिरों के लिए भी मशहूर है. यहीं पास में खजुराहो भी है. पर्यटन की नजर से पन्ना काफी पर्यटक स्थल माना जाता है. यहीं 'नाहर बाग राजगढ़' रिजोर्ट है. इस को रावी सिंह ने खुद ही बनाया. वाराणसी की रहने वाली रावी सिंह की रुचि वाइल्ड लाइफ में है. उसे यहां घूमना पसंद था. अपनी रुचि को अपना कैरियर बनाने के लिए रावी सिंह ने टूरिज्म ऐंड ट्रैवल्स में एमए की पढ़ाई पूरी की. इस के बाद 'नाहर बाग राजगढ़' शुरू किया. इस के जरीए वह पर्यटकों को विलेज और वाइल्ड लाइफ टूरिज्म से जोड़ना चाहती है.
هذه القصة مأخوذة من طبعة April Second 2023 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة April Second 2023 من Grihshobha - Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....
जब मन हो मंचिंग का
फ़ूड रेसिपीज
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....