महिला नेताओं को महिला मुद्दों से सरोकार क्यों नहीं
Grihshobha - Hindi|June First 2024
महिलाएं पुरुषों की तरह ही अच्छी नेता बनने में सक्षम हैं. मगर एक खास मुकाम पर पहुंचाने के बाद वे महिलाओं के मुद्दे पर ही चुप्पी साध लेती हैं. आखिर क्यों...
गरिमा पंकज
महिला नेताओं को महिला मुद्दों से सरोकार क्यों नहीं

महिलाएं आज देश के बड़ेबड़े पदों पर कार्यरत हैं. भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अलावा सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी जैसी महिलाओं ने देश की राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई. आज के समय में राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी पहले से कई गुना बढ़ गई है. कोई महिला किसी बड़े राजनीतिक दल की राष्ट्रीय अध्यक्षता कर रही है तो कोई महिला बतौर राज्य की मुख्यमंत्री प्रदेश की बागडोर संभाल रही है. बढ़ती सियासी चेतना का गवाह महिलाओं का बढ़ता मतदान प्रतिशत भी है. साल दर साल वे पुरुषों को पीछे छोड़ रही हैं. मगर अफसोस सदन में उन का प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ रहा.

वैसे महिलाएं पुरुषों की तरह ही अच्छी नेता बनने में सक्षम हैं, वे समान रूप से योग्य भी हैं लेकिन उन के रास्ते में बाधाएं बनी रहती हैं. महिलाओं और नेतृत्व पर एक नए प्यू रिसर्च सैंटर सर्वेक्षण के अनुसार अधिकांश लोगों को बुद्धिमत्ता और क्षमता जैसे प्रमुख नेतृत्व गुणों पर महिलाएं पुरुषों से कम नहीं लगती हैं. कई गुणों में वे पुरुषों की तुलना में अधिक मजबूत हैं. तो फिर सरकार और व्यवसाय के शीर्ष पर महिलाओं की कमी क्यों है?

कहीं न कहीं परिवार और मातृत्व से संबंधित जिम्मेदारियां महिलाओं को अपने कैरियर में आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धा करने में चुनौती बन जाती हैं. इस के बावजूद बहुत सी महिलाएं राजनीति में आगे आ रही हैं, खुद के लिए राह बना रही हैं और नए कीर्तिमान गढ़ रही हैं. इन सब से महिलाओं को कम समझने वाले समाज का नजरिया भी बदला है.

मगर सवाल है कि क्या ये महिला नेता आधी आबादी को उन का पूरा हक दे पाई हैं? क्या महिला नेता स्पष्ट रूप से बाधाओं को तोड़ रही हैं और क्या ये अपने देश में दूसरी भी महिलाओं को साथ ले कर आ रही हैं? एक सर्वे में जब मातापिता से उनके बच्चों की शिक्षा, आयु, पहले बच्चे की चाहत, नौकरी आदि के बारे में पूछा गया तो परिजनों की बेटों को ले कर बड़ी महत्त्वाकांक्षाएं थीं लेकिन जिस गांव की कोई महिला नेता थी वहां के परिजनों की अपने बेटे और बेटी के बीच महत्त्वाकांक्षा का अंतर केवल 25 फीसदी था. हालांकि जहां महिला नेता थीं वहां लड़कों को ले कर महत्त्वाकांक्षा में कोई गिरावट नहीं थी.

هذه القصة مأخوذة من طبعة June First 2024 من Grihshobha - Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة June First 2024 من Grihshobha - Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من GRIHSHOBHA - HINDI مشاهدة الكل
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 mins  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 mins  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 mins  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 mins  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 mins  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 mins  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 mins  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 mins  |
November Second 2024