Rupayan - September 13, 2024Add to Favorites

Rupayan - September 13, 2024Add to Favorites

Keine Grenzen mehr mit Magzter GOLD

Lesen Sie Rupayan zusammen mit 9,000+ anderen Zeitschriften und Zeitungen mit nur einem Abonnement   Katalog ansehen

1 Monat $9.99

1 Jahr$99.99

$8/monat

(OR)

Nur abonnieren Rupayan

1 Jahr $2.49

Diese Ausgabe kaufen $0.99

Geschenk Rupayan

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digitales Abonnement
Sofortiger Zugriff

Verified Secure Payment

Verifiziert sicher
Zahlung

In dieser Angelegenheit

September 13, 2024

श्राद्ध के कितने अवसर

शास्त्रों में श्राद्ध के लिए कुल 96 अवसर बताए गए हैं। साथ ही श्राद्ध के अनेक भेद बताए गए हैं। कहीं तीन, कहीं पांच तो कुछ धर्मशास्त्रों बारह श्राद्ध तक बताए गए हैं।

श्राद्ध के कितने अवसर

2 mins

तर्पण के आसान नियम

अपने पितरों की संतुष्टि, प्रसन्नता और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि श्राद्ध क्रिया के सही विधि-विधान को जान लें।

तर्पण के आसान नियम

2 mins

पितृ मुक्ति के लिए स्वर्ग की सीढ़ी

प्रयागराज को तीर्थराज माना जाता है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन का त्रिवेणी संगम क्षेत्र अक्षय कहलाता है। इसे पितृ मुक्ति के लिए स्वर्ग की सीढ़ी कहा जाता है।

पितृ मुक्ति के लिए स्वर्ग की सीढ़ी

2 mins

तीर्थ श्राद्ध से 101 कुलों का उद्धार

शास्त्रों में तीर्थ श्राद्ध की बहुत महिमा बताई गई है। कर्मकांडप्रदीप के अनुसार, तीर्थ श्राद्ध से स्वयं के कल्याण के साथ-साथ एक सौ एक कुलों का भी उद्धार होता है।

तीर्थ श्राद्ध से 101 कुलों का उद्धार

2 mins

किस दिशा से पितरों का आगमन

पितरों के तर्पण में कुछ वास्तु नियम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पालन से तर्पण का अधिकतम लाभ होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

किस दिशा से पितरों का आगमन

2 mins

पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान

पिंडदान के लिए यदि कोई पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में शास्त्रों ने इसका भी मार्ग बताया है, जिससे आप श्राद्ध कर्म संपन्न कर सकते हैं।

पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान

1 min

निस्संतान के श्राद्ध की विधि

शास्त्रों के अनुसार, पुत्र ही पिता का श्राद्ध कर्म करता है। ऐसे में जो लोग निस्संतान थे, उन्हें तृप्ति कैसे मिलेगी ? शास्त्रों ने उनके लिए भी कुछ विधान बताए हैं।

निस्संतान के श्राद्ध की विधि

2 mins

स्त्रियों को भी है अधिकार

यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है तो ऐसी स्थिति में स्त्री भी संकल्प लेकर श्राद्ध कर सकती है। शास्त्रों ने इसके लिए कुछ नियम बताए हैं।

स्त्रियों को भी है अधिकार

2 mins

जैसी श्रद्धा, वैसा भोज

पितृपक्ष में ब्राह्मण भोज जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यंत गरीब है तो वह जल में काले तिल डालकर ही पूर्वजों का तर्पण कर सकता है।

जैसी श्रद्धा, वैसा भोज

2 mins

पितृपक्ष में दान

भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।

पितृपक्ष में दान

2 mins

पिंडदान के अलग-अलग विधान

व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।

पिंडदान के अलग-अलग विधान

2 mins

पितृदोष में पीपल की परिक्रमा

शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।

पितृदोष में पीपल की परिक्रमा

2 mins

हर तिथि का अलग श्राद्धफल

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।

हर तिथि का अलग श्राद्धफल

2 mins

शाप भी देते हैं पितर

धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।

शाप भी देते हैं पितर

2 mins

Lesen Sie alle Geschichten von Rupayan

Rupayan Magazine Description:

VerlagAmar Ujala Limited

KategorieFashion

SpracheHindi

HäufigkeitWeekly

The popular weekly magazine 'Rupayan' is published every Friday and the magazine carries women-centric content including stories on food, fashion, beauty, home and interiors and many more.

  • cancel anytimeJederzeit kündigen [ Keine Verpflichtungen ]
  • digital onlyNur digital
MAGZTER IN DER PRESSE:Alle anzeigen