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In dieser Angelegenheit
1. श्रीरामकृष्ण यहाँ (बेलूड़ मठ में) दीर्घ काल तक निवास करेंगे : विवेकानन्द १९८
2. श्रीराम और श्रीरामकृष्ण (स्वामी निखिलात्मानन्द) २०१
3. आनन्द ईश्वर के नाम से आता है (स्वामी सत्यरूपानन्द) २०५
4. भगवान बुद्ध का जीवन और सन्देश (डॉ. जया सिंह) २०६
5. (बच्चों का आंगन) बच्चों को मन्दिर क्यों जाना चाहिए? (श्रीमती मिताली सिंह) २०९
6. मन्दिर का इतिहास (राजकुमार गुप्ता) २१३
7. सबकी श्रीमाँ सारदा (स्वामी चेतनानन्द) २१६
8. (युवा प्रांगण) युवा मन पर भोजन का प्रभाव (स्वामी गुणदानन्द) २२०
9. आनन्द-यात्रा (स्वामी त्रिपुरहरानन्द) २२२
10. हिन्दी साहित्याकाश के प्रखर सूर्य श्रीराम (उत्कर्ष चौबे) २२८
11. (कविता) रामकृष्ण जगदीश्वर प्रभुवर (डॉ. ओमप्रकाश वर्मा) २१५
12. (कविता) रमते हरि भारत के मन में (श्रीधर) २१५
Vivek Jyoti Magazine Description:
Verlag: Ramakrishna Mission, Raipur
Kategorie: Religious & Spiritual
Sprache: Hindi
Häufigkeit: Monthly
भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।
आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।
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