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एक दिन की मजदूरी से भी कम है फसल क्षति
म. प्र. में अतिवृष्टि से नष्ट हुई खरीफ फसलों की क्षतिपूर्ति के लिये राज्य शासन ने लंबी कबायद के बाद प्रशासन से आंकलित नुकसान में कांट छांट करके शासन ने तय की गई क्षति राशि का पच्चीस प्रतिशत किसान के खातों में डालना प्रारंभ किया है ।
ऊसर भूमि में गेहूं उत्पादन की आधुनिक सस्य तकनीकी
प्रमोद कुमार, नौशाद खान एवं रविकेश कुमार पाल शोध छात्र, सह-प्राध्यापक, शस्य विज्ञान विभाग, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि. कानपुर शोध छात्र, सस्य विज्ञान विभाग, बिहार कृ.विवि., साबौर
आलू बोने की मशीन से करें मक्के की बुआई और पायें अधिक उपज
डॉ . प्रदीप राजपूत शोध छात्र ( सस्य विज्ञान ) , डॉ . आदेश सिंह , सहायक प्राध्यापक ( सस्य विज्ञान ) डॉ . राजबहादुर सहायक प्राध्यापक ( दलहन अनुभाग ) , आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि . कुमारगंज , फैजाबाद
आईसीएआर , नाबार्ड ने कृषि के क्षेत्र में किया समझौता
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ( आईसीएआर ) और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक ( नाबार्ड ) ने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कृषि में जलवायु सहनशील प्रौद्योगिकी के विकास , डेयरी , खाद्य प्रसंस्करण , जल संरक्षण , स्वयं सहायता समूह , कृषि वानिकी और पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए ।
"मेड इन पंजाब" मंडीकरण का नया प्रयास
पंजाब सरकार ने वर्ष 2012 में आत्मा किसान हट्ट स्कीम बनाई थी। इस स्कीम के अधीन किसान समूहों एवं सैल्फ हैल्प ग्रुपों को सरकारी इमारतों में एक जगह दी जाती है, जहां किसान कृषि विभाग से मंजूरी लेकर एक दुकान बनाकर अपना सामान सीधा बेच सकते हैं।
लोगों के स्वास्थ्य पर दूध में मौजूद एंटीबायोटिक अवशेषों का प्रभाव
सुरेन्द्र कुमार, रीतू रानी एवं संजय यादव, पशुजन्य उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि., हिसार
मृदा कार्बन प्रच्छादन : जलवायु परिवर्तन की स्थिति में खाद्य सुरक्षा हेतु समाधान
कृषि के मुख्यतः तीन प्रमुख स्तम्भ हैं-मिट्टी, पानी और बीज परंतु गत कुछ दशकों में परंपरागत कृषि तकनीकों जैसे अत्याधिक जुताई, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग एवं जैविक खाद के कम उपयोग, इत्यादि के कारण मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत गिरावट आई है।
मृदा उर्वरता में हरी खाद का महत्व
डॉ. रविन्द्र कुमार राजपूत विषय वस्तु विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान), कृषि विज्ञान केन्द्र, दुवासु, मथुरा श्रीमती ज्योति वर्मा, परास्नातक छात्रा, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर, संस्कृति विवि. छाता, मथुरा अनुपमा वर्मा, परास्नातक छात्रा, शस्य दैहिकी विभाग चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौ. विवि. कानपुर डॉ. राजबहादुर सहायक प्राध्यापक (दलहन अनुभाग), आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि. कुमारगंज, अयोध्या-224 229 (उ.प्र.)
भारतीय देसी घी करेगा जैतून तेल का मुकाबला
देसी घी की ब्रैंडिंग करके दुनिया को यह बताया जा सकता है कि जैतून के तेल से भी देसी घी बेहतर है। आयुर्वेद में देसी घी को खाने के तेलों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है जो पित्त और वात दोष में गुणकारी होता है। देसी घी का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
बेर के रोग व निदान
बेर को गरीबों का फल भी कहा जाता है। बेर में प्रचर मात्रा में पोषक तत्व तथा सस्ता होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में इस फल का बहुत ही प्रचलन है। यह हमारे लिए एक बहुपयोगी एवं पोषक फल है। इसमें विटामीन सी तथा ए प्रचुर मात्रा में होते हैं।
कॉर्न फेस्टिवल से छिंदवाड़ा के मक्का को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान
कॉर्न फेस्टिवल से छिंदवाड़ा के मक्का को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान
उपयुक्त समय पर आलू की वैज्ञानिक खेती
उपयुक्त समय पर आलू की वैज्ञानिक खेती
Corporate News - कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बीच साइन डील
कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के बीच साइन डील
2030 तक खाद्य तेलों के आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य
दलहन और तिलहन की आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार देश में इनका उत्पादन बढ़ाने के प्रयास कर रही है। इसके लिए इनकी सरकारी खरीद बढ़ाई गई है।
आधुनिक समय में कृषि के लिए ड्रोन की बढ़ती भूमिका
मुकेश कुमार, अनिल कुमार एवं भगत सिंह, सस्य विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
एग्री जिंस ऑनलाइन कारोबार में तेजी, ट्रेडोलॉजी प्लेटफॉर्म पर 90 मिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद
ट्रेडोलॉजी लागत और समय को कम करने के लिए वास्तविक खरीददारों और बेचने वालों के बीच सीधा माध्यम बनता है। उन्होंने बताया कि ट्रेडोलॉजी वैश्विक थोक जिंस व्यापार के संचालन के तरीके को नया रूप और आकार देना चाहता है।
कल्लर भूमि को उपजाऊ बनाने वाले विशेषज्ञ डॉ. देव राज भूंबला
कोई समय था जब गांव के साधारण कृषि परिवारों से उठ कर बच्चों ने अपनी लगन एवं मेहनत से कृषि की उच्च शिक्षा प्राप्त् की और देश के कृषि विकास में अहम योगदान डाला। इन कृषि विशेषज्ञों में डॉ. देव राज भूंबला का नाम प्रथम स्थान पर आता है।
कनोला सरसों की इकाई उत्पादन तकनीक
वीरेन्द्र सरदाना, पुष्प शर्मा, गुरप्रीत कौर, इंदु रियालच एवं शैली नैयर धालीवाल, तेल बीज संभाग, पौध प्रजनन व आनुवांशिकी विभाग, पंजाब कृषि विवि. लुधियाना
कृषि में जल का महत्व और संरक्षण
हरित क्रांति में अधिक उपज देने वाली किस्मों के बीज, उर्वरकों और रासायनिक कीटनाशकों के अत्याधिक उपयोग के साथ पानी की गहन फसलों की खेती हुई है।
गोबर की खाद
डॉ. रामभरोसे, छोटे बाबू और डॉ. पी.सी. यादव, सहायक निर्देशक ( मृदा परीक्षण,“कल्चर ), डॉ.रविन्द्र कुमार राजपूत, कृषि विज्ञान केन्द्र, मथुरा डॉ. सोमेन्द्र नाथ, विषय वस्तु विशेषज्ञ, सस्य विज्ञान, कृषि विज्ञान केन्द्र, बख्सा, जौनपुर।
गेहूं उत्पादन तकनीक
सुशील, दीपक कोचर एवं संदीप बडवाल, मृदा विभाग साइंस, चौ.च.सिं.ह.कृ.विवि., हिसार
जलवायु परिवर्तन का भारतीयों पर मंडरा रहा खतरा
जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वामिंग बढ़ने से हर साल पृथ्वी गर्म हो रही है।
खेती से अच्छी आमदनी प्राप्त करने वाले केसाराम
किसान केसाराम के पास ट्रैक्टर के अलावा ट्रैक्टर चालित सभी प्रकार के हल, डिस्क हैरो, कल्टीवेटर, रोटावेटर सहित काफी संख्या में कृषि यंत्र मौजूद हैं जिनका उपयोग वह अपनी खेती में करते हैं।
जापान की तकनीक के सहारे हिमाचल में विकसित होगा पॉली हाउस
हिमाचल प्रदेश में जल्द ही पॉली हाउस का मॉडल बदलने वाला है|
प्रदूषण के लिए किसानों को दोष देना ठीक नहीं
स्वामीनाथन ने कहा कि हमें किसानों को दोषी ठहराना बंद करना चाहिए, क्योंकि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। इसके बजाय हमें ऐसे तरीके अपनाने चाहियें जो आर्थिक और पारिस्थितिक रूप से वांछनीय हों।
मांस के पोषण का महत्व
'सुरेंद्र कुमार, रीतु रानी एवं 'संजय यादव, पशुजन्य उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि., हिसार
युवाओं के लिए उत्तम स्वैःरोजगार शहद मक्खी पालन
"शहद की मक्खियाँ सामाजिक कीटो की श्रेणी में आती है और अपने अथाह परिश्रम, कार्य करने का उचित वितरण, आत्मनिभर्रता, आत्म बलिदान, शांत स्वभाव, सहन शाक्ति, आपसी मेल मिलाप और सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसे सुनहरी गुणों को दर्शाती बेमिसाल उदाहरणे है। "
हाईड्रोजेल-प्रति बूंद अधिक फसल उपज प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका
हाइड्रोजेल बनाने की प्रक्रिया को पोलीक़रिलेट कहा जाता है। हाइड्रोजेल की जल अवशोषण करने की क्षमता मुख्यतः क्रॉसलिकिंग एजेंट के प्रकार, मात्रा एवं उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है।