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गिन्नी बनी हीरोइन
गिन्नी एक नन्ही सी खरगोश थी। अपनी मधुर बातों से वह सुंदरवन में सबका मन मोह लेती, और शायद इसी वजह से वो अब हीरोइन बन गई।
गड़बड़ सड़बड़
अंशु नल के नीचे हाथ धोने लगा, तो बोला, “ओह! इतना ठंडा पानी।"सर्दी थी, स्कूल बंद थे। कल उसने टीवी में लोगों को बर्फ के गोलों को एक-दूसरे पर फेंकते देखा था। तो उसने सोचा, 'न सही बर्फ, पानी ही सही। उसने अखबार पढ़ती मम्मी पर पानी फेंका, तो वह चिल्लाईं, “अंशु, इतनी ठंड में पानी फेंक रहे हो। यह कौन सा खेल है भाई ?"
खुल गया भेद
क्रिसमस की रात , हैरी को हर बार सैंटा प्यारा सा तोहफा दे जाते थे । वह अपना उपहार अपनी दीदी और मम्मी पापा को दिखाता । उसकी खुशी देखकर उसके मम्मी पापा और दीदी को बहुत अच्छा लगता था ।
क्रिसमस का उपहार
बलरामपुर एक छोटा सा पहाड़ी कस्बा था । उस कस्बे के बीचो बीच एक खेल का मैदान था । अमीर हो या गरीब , वहां शाम को कस्बे के सब बच्चे इकट्ठे होते और क्रिकेट खेला करते।
कैसे रहते थे आदि मानव
आरंभ में इनसान का जीवन बेहद कठिन था। ना रहने का ठिकाना और न खाने का। बस, जैसे-तैसे जीवन गुजारने को वे मजबूर थे। शिकार करने की कला सीखने के साथ-साथ आग की खोज ने उनके जीवन को आसान बनाया।
कैक्टस को मत समझो कम
कैक्टस जाति के भिन्न - भिन्न प्रजातियां हैं।
कीमती उपहार
सूर्यप्रताप नाम का एक राजा था। सालों पहले वह वन-भ्रमण का आनंद लेकरलौट रहा था, तो उसे प्यास लग गई।प्यास के कारण उससे चला नहीं जा रहा था। जंगल में सूर्यप्रताप को एक चरवाहा दिखा। उसने तूंबी में पानी ले रखा था ।
किसान के दोस्त
एक था किसान । उसके घर के पीछे काफी जमीन थी। उस पर पीपल, नीम, आम और जामुन के चार पेड़ लगे थे। किसान के बच्चे आम के पेड़ से मीठे-मीठे आम खाते। उसकी डालों परझूला झूलते। जामुन के पेड़ से बच्चे रोज जामुन भी खाते।
कहानी लिखो - चंपू बंदर की सीख
एक बंदर दे गया बच्चो को सीख।
कच्चे आलू
वे चार-भाई बहन थे। राका, बंटी, गोगा और चीनी। उनके पापा उस छोटे से शहर के स्कूल में पढ़ाते थे।
एफिल टावर है कितना सुंदर
एफिल टावर की लंबाई और उसके आसपास की खूबसूरती ही उसे पास से देखने की इच्छा जगाती है। दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आते हैं। यह पर्यटकों के लिए वर्ष के 365 दिन खुला रहता है।
इस बार कुछ नया करें
स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं । दिल्ली में तो बढ़ते प्रदूषण के कारण हालांकि अब दिसंबर में भी बहुत ठंड नहीं पड़ती, इसलिए दोपहर में जब धूप निकलती, तो सोसाइटी के बच्चे इकट्ठे होकर वहां बने पार्क में क्रिकेट खेलते थे । साथ ही रात को भी बैडमिंटन खेलने के लिए उन्होंने लाइटें लगाकर बैडमिंटन कोर्ट बना रखा था ।
इनसे मिलिए - वंश सायानी
वंश धारावाहिक 'बालवीर-2' में मुख्य भूमिका निभा रहा है । इस धारावाहिक का थीम है सबकी मदद करना और सबकी भलाई करना। वंश की इच्छा है कि काश, असल जिंदगी में भी हमारे देश में ऐसा ही हो जाए।
आधी रोटी
कालू कौआ बहुत भूखा था। उसने इधर-उधर देखा। सामने एक लड़की रोटी खाने के लिए बैठी थी। उसने रोटी सामने रखी। अपनी सहेली को आवाज दी।
अनोखा चिडियाघर
गर्मी के वो छुटिटयों के दिन
अच्छी मम्मी
मिलि सात साल की प्यारी सी बच्ची है । अपने मम्मी-पापा की इकलौती बेटी होने के कारण घर में सबकी लाडली भी है । उसे भी दूसरे बच्चों की तरह टीवी पर कार्टून देखने का बहुत शौक है । डोरेमॉन और नोबिता उसके पसंदीदा कार्टून पात्र थे ।
2020 में लाओ 20 बदलाव
कभी-कभी किसी काम को हमारे बड़े भी अनदेखा कर देते हैं । पर, बच्चे जब पूरे मन से उस काम को करने का बीड़ा उठा लेते हैं, तब उन्हें समाज से भी सहयोग मिलता है । फिर मिल जाती है पूरी सफलता, और तब आता है एक नया बदलाव ।
2020 के लिए हुई थीं मजेदार भविष्यवाणियां
नया साल आएगा, तो कई नई उम्मीदें भी लगाई जाएंगी । आने वाले वक्त से हम सब कुछ ना कुछ उम्मीद लगाते हैं । आज से 40-50 साल पहले भी इस आने वाले साल यानी 2020 के लिए कई बातें कही गई थीं । अगर आज उन बातों के बारे में जानोगे, तो तुम हंसे बिना नहीं रहोगे । आओ तुम्हें बताएं ऐसी ही कुछ मजेदार भविष्यवाणियां