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लौकी और उस के प्रकार
"रीना, आलोक,” दादीमां किचन से उन्हें आवाज लगाते बोलीं, “मैं सब्जियां खरीदने जा रही हूं, क्या तुम दोनों मेरे साथ आ रहे हो?" हुए "जरूर दादीमां,' आलोक लीविंग रूम के सोफे से कूद पड़ा. वहां वह एक पत्रिका के पृष्ठ पलट रहा था...
रोमांचक शाम
जैकलीन और बैंजी के लिए ग्रेट ब्रिटेन का एक महत्त्वपूर्ण द्वीप आयरलैंड पसंदीदा जगह थी. जब से वे वहां आए थे, उन्हें वहां रहना अच्छा लगने लगा था. जैकलीन और बैंजी सगे जुड़वां भाई थे. उन के पापा एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे, जहां हमेशा ट्रांसफर होते रहते थे. यहां भी वे अपने परिवार के साथ आ कर पिछले दो साल से रह रहे थे.
पिंजरे से आजादी
मायरा जब भी अपने कमरे की खिड़की से बाहर झांकती तो उदास हो जाती. वह भाग कर मां के पास जाती और कहती, "मां, मैं ने अभी देखा कि कनु भैया का बगीचा कितना सुंदर है, वहां कितने सारे पशुपक्षी हैं.”...
औनलाइन दशहरा
नील को दशहरे का त्योहार बहुत पसंद है, क्योंकि इस दिन स्कूल की छुट्टी होती है और शाम के समय दादाजी उसे पास वाले मैदान में रावण के पुतले का दहन दिखाने ले जाते हैं. साथ ही मेले में तरहतरह के झूले झूलने और चटपटी चाटपकौड़ी भी खाने को मिलती है.
हमारा और उन का श्वसनतंत्र
मरीन फ्लैटवौर्म की सब से बड़ी प्रजाति की लंबाई में 6 सेंटीमीटर 6 तक बढ़ती है. उन में से ज्यादातर लंबे अंडाकार आकार के होती हैं.
मैजिक विद कलर
आइए, पता करते हैं कि कलर यानी रंग पानी में कैसे घुल जाते हैं.
स्वतंत्रता सैनानी
बच्चों के लिए पढ़ने के लिए एक मजेदार कहानी
पटाखा हाउस
बच्चों के लिए मूल्य शिक्षा और नैतिकता की कहानी
बेकी और उस की सूंड़
बेकी और उसकी सूंड के बारे में एक कहानी
नई दीवाली
हमारे ग्रह और जानवरों को बचाने के बारे में एक कहानी
डेविड को सबक
अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक अच्छी कहानी
चतुर कौन
देखो हेज़ल को कंजूस होने के कारण क्या मिला...
गाजर चोर
देखिए ताजपुर के जंगल में क्या हुआ..
मेहनत रंग लाई
9 वर्षीय आयशा अपने मम्मीपापा के साथ उत्तराखंड के सुदूर एक छोटे से पहाड़ी जिले में रहती थी. आयशा के पापा गांव की प्राथमिक पाठशाला में शिक्षक थे. गांव वाले प्यार से उन्हें मास्टरजी कह कर बुलाते थे. उन का गांव में बहुत सम्मान था.
प्रतियोगिता
मानव को लगा कि वह बहुत बदल गया है. वह 15 दिन से घर पर था और उसे लगा जैसे पूरी दुनिया ही बदल गई है.
समाधान
मधुवन के राजा शेरसिंह बहुत ही दयालु थे. हर समय वे यही सोचते थे कि ऐसा क्या करें जिस से उन की प्रजा सुखी रहे. उन्होंने अपने राज्य की भलाई के लिए नईनई योजनाएं बनाते थे.
बालबाल बचे
महात्मा गांधी का सत्याग्रही और आंदोलनकारी जीवन वास्तव में दक्षिण अफ्रीका की धरती से शुरू हुआ था. भारत का स्वतंत्रता आंदोलन तो उन के आंदोलनकारी जीवन का दूसरा पड़ाव था. इसलिए दक्षिण अफ्रीका के संघर्ष को जाने बिना हम गांधीजी को सही से नहीं समझ सकते.
अज्ञान बनाम विज्ञान
जिब्बी जेबरा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा से रिटायर हो कर लौटा था. दुर्भाग्य से जिस चंपकवन में वह रहता था, वहां कोई जानवर पढ़ालिखा न था. यहां लौटते ही उस के बुरे समय की शुरुआत हो गई.
अंगूर मीठे हैं
गरमी का मौसम था. फौक्सी लोमड़ी दोपहर में जंगल से गुजर रही थी. जंगल के एक छोर पर विंची भेड़ का बहुत बड़ा बगीचा था. उस बगीचे में तरहतरह के फलफूलों के कई पेड़पौधे लगे थे.
साहसी उर्विल
उर्विल और उस के दोस्त उन की बिल्डिंग के नजदीक बस स्टौप पर खड़े थे. वे अपनी स्कूल बस का इंतजार कर रहे थे. कुछ ही देर में अंकल वहां आए और सिगरेट पीने लगे. शायद वे भी अपनी कंपनी की बस का इंतजार कर रहे थे. इतने में उर्विल की स्कूल बस स्टौप पर आ गई.
वीर की लिखावट
वीर एक समझदार छात्र था. वह मददगार और बहुत ही मजाकिया था, लेकिन लापरवाही बहुत करता था. पिछले कुछ दिनों से वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे रहा था.
खुशियों की बारिश
"जेहरा बेटा, मैं खरीदारी करने बाजार जा रही मैं हूं. कुछ देर में वापस आ जाऊंगी. तब तक तुम कमरे के अंदर बैठ कर पढ़ाई करो और हां, बारिश आए तो भीगना मत,” मां की बात सुन कर 10 साल का साहिल कमरे के अंदर जा कर पढ़ाई करने लगा.
हाथी और कंप्यूटर शिक्षा
महाराज शेरा सिंह को कुछ दिन पहले ही जंगल के राजा का ताज पहनाया गया था. उन के पापा ने उन्हें फेमस शिक्षा संस्थानों से शिक्षा दिलवाई थी.
बदलाव स्वीकार करें
मधु उनींदी आंखों से उठी और उस ने बहुत थकान महसूस की, क्योंकि उसे स्कूल के लिए तैयार होना पड़ रहा था. उसे स्कूल में होने वाले वार्षिक क्विज कंपीटिशन की चिंता हो रही थी इसलिए उसे सिर में दर्द महसूस हो रहा था. साल के आखिर में प्रत्येक कक्षा से चुने हुए बच्चों को एकदूसरे के विरुद्ध टीम में प्रतियोगिता के कई राउंड बाद चुना जाता है.
मिस यू स्टूडेंट्स
कोरोना महामारी की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे. उन्हें घर पर औनलाइन ही पढ़ाई करनी पड़ती है. स्कूल ग्राउंड जो आमतौर पर छात्रों की दौड़भाग और खेलकूद से गुलजार रहता था, लेकिन अब एकदम शांत है.
निरहू ने लिखी कहानी
निरहू उत्तर प्रदेश के जिला बलरामपुर के एक छोटे से गांव कोडारी में रहता था. उसे अपनी साइकिल और गन्ने के खेतों से बहुत प्यार था. उस की मां एक किसान थीं और पिता शहर में मजदूर थे.
एक क्षण की कीमत
27 जून, 1964 को केरल के कोझिकोड जिले के पय्योली गांव में एक बच्ची ने जन्म लिया. उस का नाम ऊषा रखा गया. ऊषा के पिता का नाम ई.पी.एम. पैथल तथा माता का नाम टी.वी. लक्ष्मी था. उस के जन्म के समय घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. उस के पिता की कपड़ों की एक छोटी सी दुकान थी और 6 बच्चे थे, इसलिए उन्हें परिवार 6 के भरणपोषण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इस की वजह से ऊषा कुपोषण का शिकार हो गई और बीमार रहने लगी.
मायरा की जीत
इस साल मायरा 8वीं कक्षा में आ गई थी. पिछले एक साल से वह बैडमिंटन खेलने का प्रशिक्षण ले रही थी. अकसर जब मायरा एक हाथ में बैडमिंटन रैकेट पड़ती थी तो दूसरे हाथ में बड़ी सी ट्रोफी की कल्पना में खो सी जाया करती थी.
कोको का सपना
कोको भारत के केंद्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में समुद्र के किनारे ऊंचे नारियल के पेड़ों पर अपनी बहनों के साथ रहते हुए बड़ा हो रहा था, अभी वह एक छोटा नारियल था.
कुंडली गिरोह
पीकू बंदर के घर काफी समय बाद एक बच्चे सुंदर का जन्म हुआ. इसलिए वह अपने बेटे सुंदर को जान से भी ज्यादा प्यार करता था.