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भोजपुरी सिनेमा की टूटती जोड़ियां
भोजपुरी सिनेमा में यह बात जगजाहिर है कि हीरोइनों का कैरियर केवल भोजपुरी ऐक्टरों के बलबूते ही चलता रहा है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में भोजपुरी के टौप ऐक्टरों के हिसाब से ही फिल्मों में हीरोइनों को कास्ट किया जाता है.
गुंजन जोशी तो 'फाड़' निकले
\"दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ऐक्टिंग की ट्रेनिंग ले कर आया तो था ऐक्टर बनने, पर बन गया फिल्म स्टोरी राइटर. इस फील्ड में भी मुझे दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का प्यार मिला, क्योंकि मेरा शौक एक आर्टिस्ट बनना ही था, जिस में राइटिंग, डायरैक्शन, ऐक्टिंग सब शामिल रहा है. मेरे आदर्श गुरुदत्त हैं, क्योंकि उन्होंने लेखन से ले कर अभिनय तक सब किया और दोनों में कामयाब रहे,\" यह कहना है गुंजन जोशी का.
सैक्स रोगों की अनदेखी न करें
सैक्स से जुड़े रोग आदमी और औरत दोनों में सैक्स के प्रति अरुचि बढ़ाते हैं. इस के साथ ही ये शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की परेशानियों को भी बढ़ाते हैं.
एक थप्पड़ की कीमत
वैसे तो रवि अपने एकलौते बेटे सोहम को प्यार करता था, पर जबतब उसे थप्पड़ भी मार देता था. एक दिन उस ने फिर वही सब दोहराया, लेकिन यह थप्पड़ उस पर ही भारी पड़ गया. लेकिन कैसे?
वर्मा साहब गए पानी में
वर्मा साहब की रिटायरमैंट गाजेबाजे के साथ हुई. घर पर दावत भी दी गई, पर उस के बाद उन की पत्नी ने ऐसा बम फोड़ा कि वर्मा साहब के कानों तले की जमीन खिसक गई...
नाजायज संबंध औनलाइन ज्यादा महफूज
सदियों से मर्दऔरतों में नाजायज संबंध बनते आए हैं. अब तो इस तरह के एप आ गए हैं, जहां औनलाइन डेटिंग की जा सकती है. इसे एक सुरक्षित तरीका बताया जाता है. क्या वाकई में ऐसा है?
कत्ल करने से पीछे नहीं हट रही पत्नियां
एक पारिवारिक झगड़े के मसले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की है कि \"बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के चलते होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है, जिस से समाज पर बुरा असर पड़ा है. इस पर गंभीरता से विचार करना जरूरी है.'
आसाराम का ढहता साम्राज्य
आसाराम के संदर्भ में आज का समय हमेशा याद रखने लायक हो गया है, क्योंकि धर्म के नाम पर अगर कोई यह समझेगा कि वह देश की जनता और कानून को ठेंगा बताता रहेगा, तो उस की हालत भी आसाराम बापू जैसी होनी तय है.
अडाणीजी यह राष्ट्रवाद क्या है ?
जिस तरह भारत के बड़े रुपएपैसे वाले, चाहे अडाणी हों या अंबानी की जायदाद बढ़ती चली जा रही है और दुनिया के सब से बड़े पूंजीपतियों की गिनती में इन को शुमार किया जाने लगा है, उस से यह संकेत मिलने लगा था कि कहीं न कहीं तो दो और दो पांच है.
सोशल मीडिया: 'पठान' के बहाने नफरती ट्रैंड का चलन
सुनामी चाहे कोई समुद्र उगले या कोई फिल्म, ज्वार का जोश ठंडा होने पर ही पता चलता है कि तबाही किस हद तक की थी. कुछ ऐसा ही महसूस हुआ फिल्म 'पठान' को ले कर.
धर्म का धंधा लूट का जरीया
हम बचपन में जब कहानियों की कोई भी किताब पढ़ा करते थे, उन में एक कहानी इस टाइप की जरूर होती थी कि एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था. एक दानवीर राजा था, जो सवेरेसवेरे राज्य के 100 ब्राह्मणों को सोने की 100 मोहरें और 100 गाएं दान दिया करता था वगैरह.
नोरा और जैकलीन में ठनी
इस मामले में नोरा फतेही की शिकायत पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला लिया था, पर अब यह सुनवाई 25 मार्च, 2023 तक के लिए टाल दी गई है.
टैलीविजन स्टार अदनान खान की चाहत
टैलीविजन सीरीज 'इश्क सुभान अल्लाह' से मशहूर हुए कलाकार अदनान खान दुबई से हैं. उन्हें बचपन से ही फिल्में देखने का शौक था. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने थोड़े समय के लिए नौकरी की, लेकिन उन्हें यह काम पसंद नहीं आया और वे ऐक्टिंग और डायरैक्शन की ओर मुड़ गए.
फेसबुक बना अधकचरी - सैक्स बुक
ये और ऐसे सैकड़ों बेमतलब के और बेहूदा सवाल फेसबुक पर पूछे जाते हैं, जिन का हकीकत और विज्ञान से दूरदूर तक कोई वास्ता नहीं होता है.
जब छात्र जिंदगी में खुदकुशी के बन जाएं चश्मदीद
ऐसा नहीं है कि होस्टल में किसी छात्र की खुदकुशी कोई नई बात हो, बल्कि आएदिन हम असली जिंदगी में भी खबरें पढ़ते रहते हैं कि तनाव के चलते फलां कालेज के लड़के या लड़की ने खुदकुशी कर ली.
क्या गलत कहा चंद्रशेखर ने धार्मिक जकड़न और शिकंजे से घबराते दलित
32 साला ओंकार रजक (बदला हुआ नाम) भोपाल के एक पौश इलाके में लौंड्री चलाते हैं, जिस से उन्हें तकरीबन 50,000 रुपए महीने की आमदनी हो जाती है.
'पंच परमेश्वर' पर भाजपा का 'फंदा'
यह आज का कड़वा सच है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी और उन की सरकार का एक ही मकसद है सभी 'संवैधानिक संस्थाओं' को अपनी जेब में रख लेना और अपने हिसाब से देश को चलाना. किसी भी तरह के विरोध को नेस्तनाबूद कर देना.
कुश्ती में घमासान नफरत का तूफान
इस पूरे मामले पर भारतीय कुश्ती महासंघ को इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की ओर से फटकार का सामना करना पड़ा था कि वह अपने खिलाड़ियों को कंट्रोल में क्यों नहीं रख पाता है ?
कुंडली भाग्य - औरतों की फूटी किस्मत
फिर तय करते हैं कपड़ों के रंगरूप की तरह चरित्र और रूप और फिर जोड़ते हैं एक नया रिश्ता... मनचाही सब्जी खरीद ली हो जैसे... और उस के बाद कहते हैं कि रिश्ता तो ऊपर वाला तय करता है.
मैं खुद को हरफनमौला मानती हूं - इक्शा केरुंग, हीरोइन, पुलिस अफसर, बौक्सर, सुपर मौडल
सिक्किम के एक गांव के किसान की बेटी इक्शा केरुंग. इन दिनों फिल्म 'लकड़बग्घा' में ऐक्टिंग करने को ले कर चर्चा में हैं, पर 21 साल की कम उम्र में ही उन्होंने जो काम किए हैं, वह बिरला ही कर सकता है.
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गायक से नायक बने स्टार्स का है दबदबा - शुभम तिवारी
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार शुभम तिवारी ज्यादा लाइमलाइट में नहीं रहते हैं, फिर भी उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं. वे 'सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड' के पहले सीजन से एंकरिंग का जिम्मा संभालते रहे हैं.
बिकिनी में सहज महसूस करती हूं - महिमा गुप्ता
भोजपुरी सिनेमा अब पहले जैसा नहीं रहा, जहां गदराए बदन वाली हीरोइनों के साथ फिल्में बनती थीं और दर्शक भी ऐसी हीरोइनों को पसंद करते थे. अब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में छरहरे बदन वाली हौट हीरोइनों का बोलबाला है. ये हीरोइनें न केवल बेहतर ऐक्टिंग, बल्कि अपने बोल्ड अंदाज के चलते भी अकसर चर्चा में रहती हैं.
देख रहा है विनोद...पोस्टमार्टम 2022
ब्रह्मांड का एकलौता 'गड़े मुरदे उखाड़ने वाला' चैनल 'विक्की मीडिया' में आप का स्वागत है हमारे संवाददाता नारद बेखबर, कैमरामैन धृतराष्ट्र और व्यंग्य की समझ से पैदल व्यंग्याचार्य श्री सवा एक सौ आठ विनोद 'विक्की' के साथ आइए कुछ खास घटनाओं का मजाकिया अंदाज में पोस्टमार्टम करते हैं, जो साल 2022 के ऐतिहासिक कलैंडर में दर्ज और दफन हो चुकी हैं.
अंधविश्वास का जाल
मनोरमा देवी पर अपने गुरुजी का इतना ज्यादा असर था कि वे घर में उन के कहे मुताबिक सब काम करती थीं. पर घर की बहुओं को गुरुजी नहीं सुहाते थे. क्या थी इस की वजह?
आंसू खुशी के
इशहाक शबाना से बहुत प्यार करता था. वह भी उस से निकाह करना चाहती थी, पर इशहाक अपनी गरीबी की वजह से झिझक रहा था. बहुत कहने पर वह शबाना के अब्बू से मिलने उन के घर पहुंचा. आगे क्या हुआ...?
जब घर का ही कोई करे छेड़छाड़
तकरीबन रोजाना ही अखबारों त में आने वाली रेप की घटनाएं हम सभी को परेशान करती हैं.
चाय बेचिए करोड़पति बनिए
जीहां, चाय बेच कर भी करोड़पति बना जा सकता है. यह सुन कर आप को हैरानी जरूर होगी, लेकिन सचाई यह है कि चाय बनाने और बेचने का धंधा काफी मुनाफा देने वाला हो सकता है. यह मैं नहीं बोल रहा, बल्कि पटना वुमंस कालेज के सामने चाय बेचने वाली 'ग्रेजुएट चाय वाली' प्रियंका गुप्ता का कहना है.
'नेताजी' बेचैन क्यों हैं
राहुल की 'भारत जोड़ो यात्रा'
गुलाम नबी आजाद की डूबती नैया
गुलाम नबी आजाद की छवि कांग्रेस को छोड़ने के बाद भी एक 'कांग्रेस मैन' की है. वे कांग्रेस को ठोकर मार कर कश्मीर में अपने पैर जमाने के लिए आगे बढ़ गए। थे, मगर नए हालात में एक तरह से उन की बोलती बंद हो गई है.
आदिवासी आरक्षण सवालों की सूली पर
होना तो यह चाहिए था कि आदिवासी 31 के नाते समुदाय की होने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके नए विधेयक का स्वागत करते हुए न केवल उस पर दस्तखत कर अपनी मंजूरी देतीं, बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का शुक्रिया भी अदा करतीं, जो उन्होंने गैरआदिवासी होते हुए भी आदिवासियों के भले की पहल की, लेकिन हुआ उलटा.