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हिन्दु होने का आरोप लगा कर सुनील जाखड़ किए पंजाब की राजनीति से बाहर
पंजाब के मुख्यामंत्री की दौड़
भारत तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था
दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में
राष्ट्रवाद की चिंगारी : मोदी युग की सोच
पाकिस्तान में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा तथाकथित 'कश्मीर दिवस' के साथ एकजुटता व्यक्त करने की हालिया घटना ने भारत में काम करने वाली कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के संदिग्ध चरित्र को उजागर कर दिया है।
योगी सरकार बनाने को बेताब मुस्लिम वोटर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव
संतुलित आम बजट लाएगा जन-जन में खुशहाली!
भारत में बजट को लेकर एक परिपाटी ही बन गई थी। चुनावी वर्ष में सरकारें जनता को बजट में सौगातों की बरसात करती रही हैं। इसी वजह से ही माना जा रहा था कि पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में जारी चुनावी अभियान के चलते आम बजट में सौगातों की बहार होगी। इस उम्मीद की वजह यह भी रही कि इन पांच में चार राज्यों में उस भाजपा की ही सरकार है, जो केंद्र की सत्ता पर काबिज है। सिर्फ पंजाब ही ऐसा राज्य है, जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं है। लेकिन आम बजट में ना तो सौगातों की बरसात हुई, ना ही अर्थव्यवस्था की मुश्क कसने की कोशिश हुई। इन अर्थों में कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी की सरकार की सोच कुछ अलहदा है।
जेएनयू को सभी विचारों से युक्त बनाना
एक जेएनयूआईट के रूप में, मुझे खुशी है कि जेएनयू की एक साथी प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपदी पंडित को जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) का वीसी नियुक्त किया गया है। वह विश्वविद्यालय की पहली महिला वीसी हैं, जो खुश होने का एक और कारण है।
अमृत काल का बजट: आधारहीन आलोचना का जवाब
निर्मला की नई सोच
कैलोरी, भोजन और भ्रम
हमारे शरीर की ऊर्जा हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आती है। 'कैलोरी' भौतिक विज्ञान से लिया गया एक शब्द है, जो गर्मी की एक इकाई को दर्शाता है। यह माना जाता है कि भोजन को उसके उपभोक्ता द्वारा उपयोग के लिए ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए शरीर में जलाना (ऊष्माक्षेपी अपघटन) पड़ता है।
2022 BUDGET साहसिक कदम
पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर--में होने वाले चुनावों की मौजूदा पृष्ठभूमि में, कई राजनीतिक-सहअर्थशास्त्र पंडितों की भविष्यवाणी थी कि बजट -2022 लोकलुभावन होगा। वित्त मंत्री (एफएम) निर्मला सीतारमन ने संसद के पटल पर निवेश बजट पेश करके तथाकथित विशेषज्ञों को चौंका दिया। एफएम के पास लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को विकसित करने का एक स्पष्ट दृष्टिकोण है।
स्वर - माधुर्य की साम्राज्ञी लता मंगेशकर का मौन होना
श्रद्धांजलि - लता मंगेशकर
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास के सहारे गति पकड़ रहा भाजपा का प्रचार
उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां लगातार तेज होती जा रही हैं। कोरोना महामारी के काल में चुनाव आयोग ने राजनैतिक दलों के रैलियां और रोड शो करने पर रोक लगा रखी है अतः अब सभी दल वर्चुअल रैली कर रहे हैं और घर घर जाकर अपनी बातों को जनता के सामने रख रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना चुनाव अभियान तेज कर दिया है। कार्यकर्ताओं में जोश, उत्साह और विश्वास भरते हुए, 'यूपी फिर मांगे भाजपा सरकार' के नारे के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने चुनावी अभियान को गति दे दी है। गीत, संगीत और नये नारों के साथ भाजपा ने अपने प्रचार वाहनों को रवाना कर दिया है।
युवाओं की राष्ट्र निर्माण में प्रमुख भूमिका
सहारनपुर के एहसान राव के मन में जब राष्ट्रप्रेम की इसी भावना का जागरण हुआ तो उन्होंने एक राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी में एकाएक भारतमाता की जय का उदघोष कर दिया
मिशन 2022 नई जोड़ियों के सामने बेहतर प्रदर्शन की चुनौती
सियासत में आज भी कई जोड़िया धमाल मचा रही है और कुछ मचाने को तैयार है
भारत में ओमिक्रोन लहर हम क्या जानते हैं और क्या करना चाहिए
कीटाणु की संक्रामकता 2 तथ्यों पर निर्भर होती है कि वह कितनी आसानी से फैलता है और इंसान की रोग-प्रतिरोधक क्षमता से वह कितनी सफलता से बच सकता है। चूंकि ओमिक्रोन कोरोना वाइरस के शिखर पर 'स्पाइक' प्रोटीन में अनेक म्यूटेशन हो गए हैं, इस वाइरस की यह दोनों तथ्य प्रभावित होते हैं जिसके कारणवश वह डेल्टा कोरोना वाइरस के मुकाबले, 3-5 गुणा अधिक संक्रामक है, और मनुष्य की, वैक्सीन या पूर्व-में हुए संक्रमण के कारण उत्पन्न, प्रतिरोधक क्षमता से बचने में अधिक सक्षम है।
पंजाब में गिरता लोकतान्त्रिक मूल्यों का स्तर
हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा कर दी गई है। इनमें से एक राज्य पंजाब है, यहां पंजाब राज्य के बारे में चर्चा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि वर्तमान में पंजाब में लोकतांत्रिक मूल्यों का स्तर गिरता जा रहा है। यही कारण है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एक रैली को संबोधित करने के लिए बठिंडा जा रहे थे तो उनके मार्ग में राज्य सरकार ने अवरोध उत्पन्न किया। जिसके कारण एक बार फिर से राज्य और केंद्र सरकार के मध्य टकराव देखने को मिला।
जानलेवा लापरवाही से नित नए रेकार्ड बनाता ओमीक्रान
पहली और दूसरी लहर का रेकार्ड टूट गया है
किसानों का हित केवल योगी सरकार में ही हुआ
समाजवादी दल का अन्न संकल्प है महज कोश दिखावा
किसमें है कितना दम
बाइस में बाइसिकल का नारा दे रहे अखिलेश यादव बड़ी गोलबन्दी के बल पर 2022 में बाजी जीतेंगे हम का दावा कर रहे है। सच तो यह है कि जात-पात के आधार पर बंटी प्रदेश की राजनीति का रंग कुछ इतना बदरंग हो चुका है कि यह कहना बहुत मुश्किल लग रहा है। वैसे हालात जिस ओर इशारा कर रहे हैं उनसे तो यही लगता हैं कि भारतीय जनता पार्टी को मात देना आसान नहीं है।
कांग्रेस को ले डूबी वंशवाद की राजनीति
किसी पार्टी के बड़े नेता जो सत्ता में शीर्ष पद पर हो अपने बेटे को सीधा सत्ता सौंपने का प्रयास करता है, इसे शुद्ध वंशवाद की राजनीति ही कहा जायेगा। पार्टी के अध्यक्ष अपने बेटे, बेटी या परिवार के किसी सदस्य को अपने प्रभाव से पद ट्रांसफर करवा लेते हैं या कई मुख्यमंत्री आदि इस तरह से करते हैं तो यह प्रजातंत्र का गला घोंटने जैसा होगा। यह देश और जनता के लिए हानिकारक होगा। इस तरह अयोग्य व्यक्ति को भी सत्ता मिल सकती है जो नेतृत्व देने में असफल हो जायेगा और इसका खामियाजा देश और जनता को भुगतना पड़ेगा।
'कौन कहता है कि मुसलमान योगी को वोट नहीं देंगे?'
30 साल के एक मुस्लिम युवक ने जब ये बात मुझसे कही तो मैं थोड़ा चौंक गया।
पिछड़े अति पिछड़े भाजपा के साथ भगोड़े विधान भवन नहीं लौटेंगे
कुछ मंत्री, कुछ विधायक चुनाव घोषणा होते ही भाजपा को छोड़ कर गये। अब सपा का दागदार दामन थाम लिया। भाजपा के ये ये भगोड़े नेता हर चुनाव में मक्खन मलाई खाकर पार्टी बदल लेते हैं। इस बार उनका कहना है कि वे पिछड़ों के लिये पार्टी छोड़कर जा रहे हैं यानि पांच साल ये लोग पिछड़ों के अहित से जुड़े रहे। यह बात उनकी अपनी जाति बिरादरी के लोगों के गले ही नहीं उतर रही तो अन्य समाज के लोगों के गले कैसे उतरेगी।
तीसरी लहर का सामना करने के लिए देश तैयार
"बच्चों का टीकाकरण समय-समय पर केंद्र/राज्य सरकारों के नीति दिशानिर्देशों के अनुसार होना चाहिए। अस्पताल ने 15 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है। हालांकि, दिल्ली में किए गए पिछले सीरो सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत बच्चों की आबादी में कोविड के प्रति एंटीबॉडी विकसित होने की सूचना है। यह दर्शाता है कि पिछले संक्रमणों के दौरान प्राकृतिक प्रतिरक्षा हासिल कर ली गई है। इसलिए, पहले से मौजूद एंटीबॉडी के कारण, बच्चों की आबादी का अच्छा प्रतिशत कोरोना संक्रमण के संपर्क में आने पर भी सुरक्षित रहना चाहिए," यह कहना है डॉ. दीपक शुक्ला, सीइओ, पुष्पावती सिंघानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट, का अशोक कुमार से हुई बातचीत में। बातचीत के प्रमुख अंश:
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक भौर नफरत की राजनीति प्रधानमंत्री के खिलाफ रचा गया मृत्युजाल!
पंजाब की यह घटना एक सुनियोजित साजिश है जिसके लिए जिम्मेदार सभी लोगों पर कड़ी कार्यवाही बनती है। नरेंद्र मोदी देश नागरिक नहीं अपितु वह देश के प्रधानमंत्री हैं और जिस राज्य में प्रधानमंत्री की सुरक्षा नहीं हो सकती वहां की आम जनता का क्या हाल हो रहा होगा यह समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री के साथ घटित घटना के बाद यह साबित हो गया है कि पंजाब का पूरा प्रशासन तंत्र खालिस्तानी वामपंथियों के शिकंजे में आ चुका है और 5 जनवरी को किसान आंदोलन की आड़ में प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश रची गयी थी और प्रधानमंत्री भगवान भोलेनाथ और मां गंगा की कृपा से सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे हैं।
बज गया बिगुल
कोरोना की चुनौतियां, ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग ने 10 फरवरी से चुनाव की घोषणा की है। जिसमें यूपी में सात चरणों, मणिपुर में दो चरणों में चुनाव होंगे। इसके अलावा पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक एक चरण में चुनाव होंगे। चुनाव आयोग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस बार देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में 18.3 करोड़ मतदाता चुनाव में मतदान करेंगे।
ओमीकॉन वायरस का सामना करने के लिए आज देश बेहतर तरीके से तैयार है
"सच में, हमारे अस्पतालों ने पहली और दूसरी लहर को संभाला। अब तीसरी लहर है। जब पहली लहर आई तो हम तैयार नहीं थे- हमारे पास पीपीई किट आदि नहीं थे। हमें नहीं पता था कि क्या करना है। अच्छी बात यह थी कि सरकार पूरी स्थिति को सीधे संभाल रही थी और निजी क्षेत्र को दूर रखा गया था। संयोग से, मामलों की संख्या भी कम थी। देश भर में लगाए गए प्रतिबंध बहुत अधिक थे। पहली लहर में होने वाली मौतें दूसरी लहर की तुलना में बहुत कम थीं। जब दूसरी लहर आई तो में हमारे पास सुरक्षात्मक किट थे, लेकिन हम लापरवाह हो गए थे राज्यों और केंद्र के बीच विवाद थे। राज्यों और केंद्र के बीच इस विवाद में व्यवस्थाओं का अभाव रहा," यह कहना है डॉ. विनय अग्रवाल, चेयरमैन, पुष्पांजलि क्रॉसले हॉस्पीटल, का अशोक कुमार से हुई बातचीत में। बातचीत के प्रमुख अंश:
डबल तड़का
फिल्म-जगत की खबरे
चौमुखी चुनौतियों के चक्रव्यूह में उत्तर प्रदेश के चुनाव
आवरण कथा
ओमीक्रोन संक्रमण की सुनामी के रूबरू सांस रोके खड़ा देश
टीकाकरण थामेगा बेहद तेजी से फैल रहे नए वैरियेंट की नकेल
उत्तर प्रदेश योगी ही एकमात्र मुद्दा
चुनाव के दौरान योगी का मुद्दा
संकट ही नहीं हर्ष भी देकर गया बीता साल
इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें वर्ष को अलविदा कहते हुए नए वर्ष का स्वागत हम इस सोच और संकल्प के साथ करें कि हमें कुछ नया करना है, नया बनना है, नये पदचिह्न स्थापित करने हैं। बीते वर्ष की कोरोना महामारी के अलावा मौसमी आपदाओं, आर्थिक असंतुलन, राजनीतिक उठापटक, बर्फीले तूफान, समुद्री चक्रवात, बाढ़ और जंगलों के राख होने एवं धरती के तापमान के बढ़ने की पीड़ाओं, दर्द एवं प्रकोप पर नजर रखते हुए उन पर नियंत्रण पाने का संकल्प लेना है। हमें यह संकल्प करना और शपथ लेनी है कि आने वाले वर्ष में हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो हमारे उद्देश्यों, उम्मीदों, उमंगों और आदर्शों पर प्रश्नचिह्न लगा दे। कोरोना महामारी की तीसरी लहर यानी ओमीक्रोन की आहट के बीच हमें नये साल में अपनी जीवनशैली को नया रंग और आकार देना है।