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अवयस्कों की वैक्सीन
बच्चों के लिए कोविड टीका
विरोध में तो साथ मगर संदेह भी
विपक्षी पार्टियों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से लोहा लेने के लिए कदम आगे बढ़ाया, लेकिन कामयाबी का दारोमदार कांग्रेस की पहल और प्रदर्शन पर निर्भर
सुशील दिग्गज- रतन टाटा, 83 वर्ष
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को ऐसी दिग्गज कंपनी में बदला जिसके कारोबार का दायरा कई नए उद्यम क्षेत्रों में फैला और कई विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण किया गया
नई राहों के अन्वेषक
अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर हम उन दिग्गज शख्सियतों को याद कर रहे हैं, जिन्होंने अब तक का यह सफर पूरा करने में मदद की, जिन्होंने राजनीति में और खेल में, कारोबार में और साहित्य में अपने असाधारण कार्यों से हमें रास्ता दिखाया
परपंराओं का कायापलट- पंडित बिरजू महाराज,83 वर्ष
अपनी कला में सब कुछ समेट लेने वाले पंडित बिरजू महाराज ने न केवल कथक के भंडार को आमूलचूल बदला बल्कि उसका जीवनकाल भी बढ़ाया
राष्ट्र निर्माता- जवाहरलाल नेहरू (1889-1964)
देश के पहले प्रधानमंत्री के नाते नेहरू ने भारत को अपने वक्त के समाजवादी और पंथनिरपेक्षतावादी आदर्शों से ओतप्रोत नियति से महामिलन' के लिए तराशा और तैयार किया
साहसी- मुकेश अंबानी, 64 वर्ष
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष के रूप में अंबानी ने प्रमुख पेट्रोकेमिकल्स कंपनी को हाइड्रोकार्बन्स, टेलीकॉम और रिटेल पावरहाउस में तब्दील कर दिया
सदाबहार आनंद- देव आनंद (1923-2011)
हर लिहाज से शानदार देव आनंद ने जो भी किया उस पर अपनी छाप छोड़ी, फिर चाहे उनकी संवाद अदायगी हो या उनके लिबास
तूफान एक्सप्रेस- मिल्खा सिंह (1929-2021)
'फ्लाइंग सिख' ने अपनी शानदार दौड़ों से वैश्विक एथलीट परिदृश्य में भारत का सम्मान बरकरार रखा
किंग बी- अमिताभ बच्चन,78 वर्ष
भारतीय फिल्म जगत का यह महामानव उम्र से जरा-भी धीमा नहीं पड़ा, अभी भी उनके अभिनय से सजी तीन प्रोजेक्ट रिलीज होनी हैं
जीती-जागती किंवदंती- सचिन तेंडुलकर, 48 वर्ष
विश्व क्रिकेट दो बहुत साफ-साफ युगों में बंटा है: सचिन से पहले का युग और सचिन के बाद का युग
कवि हृदय प्रधानमंत्री- अटल बिहारी वाजपेयी (1924-2018)
व्यवहार में सौम्य लेकिन परमाणु परीक्षण से लेकर करगिल की जंग तक काम संपन्न करने के लिए उनके भीतर पर्याप्त धीरज था
दुनिया के प्रकाशस्तंभ - सी.वी. रमण (1888-1970)
प्रकाश के प्रकीर्णन की उनकी नई खोज 'रमण प्रभाव' ने देश में वैज्ञानिकों की एक पूरी बिरादरी को प्रेरित किया
कर्मयोगी- डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (1931-2015)
यशस्वी एरोस्पेस इंजीनियर ने उपग्रह प्रक्षेपण वाहन और मिसाइल कार्यक्रम की अगुआई की और 'जनता के राष्ट्रपति' के तौर पर हमारे दिलों में जगह बनाई
एकता की डोर हैं वे- सोनिया गांधी, 74 वर्ष
देश की सबसे पुरानी पार्टी का नेतृत्व करते हुए उन्होंने देश, इसकी संस्कृति और यहां के लोगों को अपना बनाया है
अंतरात्मा की आवाज- मदर टेरेसा (1910-1997)
अपने जीवनकाल के दौरान मदर टेरेसा ने देशों की सीमाओं के परे जाकर करुणा का संदेश दिया, बेघर जरूरतमंदों के लिए धर्मशालाएं, कुष्ठ रोगियों के लिए आश्रय स्थल और जरूरतमंदों के लिए भोजनालय बनवाए
स्टाइल के गुरु- रजनीकांत 70 वर्ष
'थलाइवा' की उदारता मिथकीय है और यही कारण है कि वे रील के साथ-साथ वास्तविक जीवन में भी नायक हैं
फिसलती जमीन पर भी टिके पांव
योगी आदित्यनाथ ने नंबर एक मुख्यमंत्री के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है। केजरीवाल और ममता उनके पीछे-पीछे हैं
माहौल तो सही मगर...
चीन-पाकिस्तान की बढ़ती सांठगांठ भारत की विदेश नीति के लिए बनी सबसे बड़ी चुनौती. देश का मिज़ाज सर्वे में लोग इस मुद्दे पर सरकार के सख्त रवैए के साथ
सावधान! आगे खतरनाक मोड़ है
छीजती बचत, घटती आमदनी और नौकरियों के जाने से पैदा जबरदस्त तंगहाली के चलते सरकार की आर्थिक नीतियों में लोगों का भरोसा डगमगाया
सरकार से भरोसा उठा
महामारी की जानलेवा दूसरी लहर के भयावह कहर के लिए लोगों ने केंद्र के साथ राज्य सरकारों को भी जिम्मेदार ठहराया
क्या तीसरी लहर आ रही है?
अगस्त के पहले हफ्ते में, भारत में लगातार आठ दिनों तक कोविड के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई. 27 जुलाई से 2 अगस्त के बीच कोरोना वायरस के कुल 2,55,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए जो इसके पिछले हफ्ते के मुकाबले 8 फीसद की उछाल थी. 9 अगस्त को 24 घंटों के भीतर महज 27,421 नए मामले सामने आए, जो मार्च के बाद सबसे कम थे.
कांग्रेस में जारी खींचतान
राजस्थान कांग्रेस में पिछले दो महीनों में काफी हलचल देखी गई. वरिष्ठ नेताओं ने कई बार दिल्ली से जयपुर नाप दिया, पर आलाकमान ने अभी तक यह बताया नहीं कि इस पूरी कवायद का नतीजा क्या रहा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बागी नेता सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान की कहानी पुरानी है, लेकिन बीच-बीच में कुछ न कुछ ऐसा होता रहता है जिससे अटकलों के नए दौर शुरू हो जाते हैं.
निगलनी ही पड़ी कड़वी गोली
बरसों की टालमटोल के बाद केंद्र ने कुख्यात रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स या पूर्वप्रभावी कर कानून से आखिर पिंड छुड़ा ही लिया. यह कानून 2012 में तब वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी लाए थे. इसे भारत में कारोबार करने में एक प्रमुख अड़चन बताया गया.
आगे रहने को पिछड़ा दांव
आसन्न विधानसभा चुनावों से पूर्व प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक अन्य पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए भाजपा ने उठाए कई निर्णायक कदम
अर्थव्यवस्था बड़ी दुखती रग
रोजगार-नौकरियों की भारी किल्लत और आसमान छूती कीमतों से लोगों के माथे पर गहरी लकीरें उभरी, मगर देश को आर्थिक तंगहाली से बाहर निकालने के लिए अभी भी मोदी पर भरोसा
स्ट्रीमिंग का जलवा
महामारी के कारण बॉलीवुड के बड़े नाम अपना असर छोड़ने में नाकाम रहे, ओटीटी प्लेटफॉर्म और उनके सितारे लोकप्रियता में आगे बढ़े
रफ्तार पकड़ने के पुख्ता रुझान
साल 2021 की पहली तिमाही में ऑटो निर्यात में चौतरफा उछाल, दोपहिया वाहनों का निर्यात 2020 के आंकड़े से तीन गुने पर पहुंचा
विकास योजनाओं में जानवरों का ख्याल
वन्यजीवों की मौत रोकने के लिए भारत को अब कहीं जाकर बिजली के तार जमीन के नीचे बिछाने और पशु ओवरपास बनाने सरीखे उपायों की सुध आई, भले ही इससे सौर ऊर्जा और हाइवे लागतों में इजाफा हो
मांगें मनवाने का मौसम
अगले साल विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के साथ-साथ अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों के लिए मोर्चा खोल दिया है. योगी सरकार के सामने इनकी नाराजगी दूर करने की बड़ी चुनौती