जंपी बंदर रोजाना पार्क में खेलने जाता था. पार्क उस के पास ही था. वह छुट्टी वाले दिन तो सुबह ही खेलने निकल जाता था और स्कूल वाले दिन स्कूल की छुट्टी के बाद खेलने जाया करता था.
पार्क में जंपी के दोस्त टैरी मेंढक और डैनी हिरण भी खेलने आते थे. पार्क बड़ा और खुला था. वहां बच्चों के अलावा बड़े भी आया करते थे. कुछ लोग टहलते तो कुछ व्यायाम और योग करते थे.
जंपी के दोस्त कभी पकड़मपकड़ाई, कभी बैडमिंटन तो कभी लुकाछिपी का खेल खेलते थे. पार्क में सबकुछ तो ठीकठाक था, लेकिन साफसफाई नहीं थी. चारों तरफ गंदगी बिखरी पड़ी थी. कहीं चिप्स या टौफी के रैपर तो कहीं केले व मूंगफली के छिलके तथा दूसरा कूड़ा पड़ा रहता था.
कई बार जंपी के मन में आता था कि वह अपने दोस्तों के साथ पार्क में सफाई करे, लेकिन फिर उसे लगता था कि जब कोई पहल नहीं कर रहा है तो वह इन सब चीजों में क्यों पड़े.
एक दिन जंपी का दोस्त केसी सारस दूसरे जंगल से उसे मिलने आया. जंपी अपने दोस्त को देख कर बहुत खुश हुआ. केसी ने उसे अपने जंगल के बारे में कई कहानियां सुनाईं.
रविवार को जंपी सुबह खेलने के लिए पार्क जाने की तैयारी करने लगा.
"सुबहसुबह कहां जा रहे हो ?” केसी ने पूछा.
“केसी, मैं पार्क जा रहा हूं. वहां मैं और मेरे दोस्त अलगअलग खेल खेलते हैं, ” जंपी ने कहा.
Diese Geschichte stammt aus der March Second 2023-Ausgabe von Champak - Hindi.
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