कानपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़ी शताब्दी एक्सप्रैस दिल्ली के लिए जाने को तैयार खड़ी थी. इस ट्रेन के एसी चेयर कार क्लास की एक बोगी के गेट पर सफेद कमीज और काली पैंट पहने एक युवक खड़ा बोगी में चढ़ने वालों की टिकट चैक कर रहा था.
उस के गले में सफेद फीते में उस का आईडी कार्ड लटक रहा था. देखने से ही लगता था कि वह युवक टीटीई है और बहुत संजीदगी से अपनी ड्यूटी निभा रहा है.
ट्रेन को चलने में कुछ ही वक्त शेष बचा था. प्लेटफार्म पर लोगों की भीड़ थी और कोलाहल भी बहुत हो रहा था. इन में सफर करने वालों के अलावा वे लोग भी थे जो अपने रिश्तेदारों, मित्रों को यहां तक छोड़ने आए हुए थे.
इसी भीड़ को चीरता हुआ एक पतिपत्नी का जोड़ा उसी बोगी की तरफ बढ़ता आ रहा था, जिस के गेट पर टिकट चैकर खड़ा था. पति के कंधे पर बड़ा सा बैग लटक रहा था और हाथ में पौलीथिन का थैला था. पत्नी की गोद में एक खूबसूरत बच्चा था.
वह शायद लड़का था. उस के छोटे बौबकट बाल और चेहरे से यही लगता था लेकिन उसे फ्रौक पहनाया हुआ होने के कारण यह भी शंका होती थी कि वह लड़की है.
पतिपत्नी तेजी से बोगी के पास आए और डिब्बे में चढ़ने की कोशिश करने लगे तो उस टिकट चैकर युवक ने बहुत गंभीर स्वर में टोक दिया, "अपना टिकट दिखाइए."
"टिकट है हमारे पास," अपना भारी बैग कंधे से उतार कर हाथ में संभालते हुए वह व्यक्ति शालीनता से बोला, "हम डिब्बे में चढ़ जाएं फिर इत्मीनान से आप को टिकट दिखा देंगे."
"नहीं, पहले आप टिकट दिखाइए," टीटीई दरवाजे के सामने अड़ता हुआ बोला.
"सर, टिकट दिखाने के चक्कर में समय लग जाएगा. ट्रेन चलने वाली है. अगर ट्रेन चल पड़ी तो मैं अपनी पत्नी और बच्चे को इस में नहीं चढ़ा पाऊंगा. मेरे पास भारी बैग है, मेरा भी चलती ट्रेन में चढ़ना मुश्किल हो जाएगा.
"आप से कहा न, टिकट दिखाइए," टीटीई इस बार कड़क स्वर में बोला.
उस व्यक्ति ने झल्लाते हुए अपना बैग नीचे फर्श पर रख दिया और उस की चेन खोल कर अंदर की पौकेट से रिजर्वेशन टिकट निकाल कर टीटीई की तरफ बढ़ाते हुए कहा, "लीजिए, कर लीजिए अपनी तसल्ली."
टीटीई ने टिकट ले कर देखा, "हूं, यह तो आप दोनों पतिपत्नी का टिकट है."
Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von Manohar Kahaniyan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der November 2022-Ausgabe von Manohar Kahaniyan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
रेप के बाद नर्स का मर्डर
एक तरफ पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की दरिंदगी का मामला पूरे देश में तूल पकड़े हुए था तो दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी वैसी ही बर्बरता का मामला सामने आ गया. ड्यूटी से वापस अपने घर जा रही नर्स का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उस का रेप करने के बाद मर्डर कर दिया.
धार्मिक आयोजन के बाद हत्या
रायबरेली के नसीराबाद थाना क्षेत्र में 11 अगस्त, 2024 को अर्जुन पासी की हत्या धार्मिक आयोजन पर हुए विवाद को ले कर कर दी गई.
5 लाख के लालच में काट लाया सिर
अंधविश्वास में दिल्ली का एक युवक ऐसा फंसा कि उस ने दूसरे युवक की हत्या कर डाली. लालच 5 लाख रुपए बनाने का था, जो तंत्रमंत्र क्रिया पूरी होने के बाद मिलने वाले थे. इस के तहत एक युवक को किसी युवक का सिर काट कर लाने का औफर दिया गया था.
इंटरनैशनल किडनी गैंग
डा. डी. विजया राजकुमारी की देखरेख में चल रहा किडनी गैंग गरीब लोगों की किडनी 4-5 लाख में खरीद कर 35-40 लाख रुपए में बेचता था. आप भी जानें कि गैंग के सदस्य भारत के ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लोगों को किस तरह अपने जाल में फांस कर अपने काम को अंजाम देते थे.
ड्रम के नंबर से सुलझी मर्डर मिस्ट्री
हत्यारे ने 33 वर्षीय धर्मिष्ठा की हत्या कर ड्रम में डाल कर ऊपर से सीमेंट कंक्रीट का घोल भर दिया था, जिस से लाश पूरी तरह से सेट हो गई थी. आखिर, ड्रम के नंबर के आधार पर पुलिस हत्यारे तक पहुंच ही गई. कौन था हत्यारा, उस ने धर्मिष्ठा की हत्या क्यों की और लाश ठिकाने लगाने का उस ने ऐसा नायाब तरीका क्यों अपनाया?
सऊदी से लौटे प्रेमी को मौत का तोहफा
26 वर्षीय मोहम्मद वसीम अंसारी अपनी 17 वर्षीया गर्लफ्रेंड नरगिस से मिलने के लिए बेताब था. उस से मिलने की खातिर वह सऊदी अरब से इंडिया आया. यहां उस की 17 टुकड़ों में कटी लाश पुलिस ने बरामद की. आखिर किसने और क्यों की वसीम अंसारी की हत्या?
एक टुकड़ा सुख
संस्था में सुनील से मुलाकात के होने के बाद मुक्ता के मन में संस्था से निकल कर अपनी लाइफ को अपनी तरह से जीने की उम्मीद जागी थी. सुनील ने भी उस की सोच को नए पंख दे दिए थे. लेकिन यह पंख भी मुक्ता को एक टुकड़ा सुख से ज्यादा कुछ न दे सके.
7 अजूबों से कम नहीं ये होनहार बच्चे
प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही सुखसुविधाओं की कुछ करने का जज्बा और हौसला हो तो दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है. भारत के कम उम्र के कुछ बच्चों ने कुछ ऐसा कमाल अपनी प्रतिभा से कर दिखाया है कि दुनिया दांतों तले अंगुली दबा रही है.
प्रेमियों के साथ मिटाया सिंदूर
2 बच्चों की मां पूजा संखवार एक नहीं बल्कि 3-3 प्रेमियों के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी. ससुराल वालों ने जब उस पर लगाम लगाने की कोशिश की तो उस ने अपने तीनों प्रेमियों के साथ मिल कर ऐसी खूनी योजना को अंजाम दिया कि...
जांघ पर गुढे 22 टैटुओं में छिपा गुरु की मौत का रहस्य
स्पा सेंटर में सोशल एक्टिविस्ट गुरु सिद्धप्पा वाघमारे की हत्या की जांच करने पुलिस पहुंची तो वाघमारे की दोनों जांघों पर 22 नामों के टैटू गुदे हुए थे. जांच में पता चला कि वे सभी नाम उस के दुश्मनों के थे. रोमांच से भरी इस कहानी में आप भी जानें कि टैटुओं के सहारे हत्यारों तक कैसे पहुंची पुलिस?