आपके घर का काम व्यायाम नहीं है!
Rupayan|October 06, 2023
रोजाना घरेलू कामकाज करते हुए पसीने से तर-ब-तर हो जाती हैं और थकान भी अधिक होती है। क्या आप भी अन्य महिलाओं की तरह ही फिट रहने के लिए थका देने वाले घरेलू कामकाज को पर्याप्त व्यायाम का विकल्प मानती हैं?
मोनिका अग्रवाल
आपके घर का काम व्यायाम नहीं है!

“पता नहीं मीता, क्यों मुझे अक्सर थकान रहती है? जबकि सुबह जल्दी उठती हूं, फटाफट सबका नाश्ता, दिन का लंच तैयार करके अपने ऑफिस आ जाती हूं। यही नहीं, ऑफिस से वापस पहुंचकर भी सीधा घर के कामों में लग जाती हूं।" स्वीटी ने ऑफिस में सहकर्मी मीता से अपनी परेशानी साझा की। इस पर मीता ने मुस्कुराते हुए कहा, "पहले यह बताओ, तुम सुबह उठते ही अपने लिए कितना समय निकालती हो?

स्वीटी चौंकी और उसने हैरानी के साथ मीता को देखा। तब मीता ने समझाया, “इसमें कोई संदेह नहीं कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा कामकाज करती हैं। लेकिन अगर वे एक-दो काम ज्यादा करें या तेजी से करें तो इससे उनका रोजाना का व्यायाम स्तर पूरा नहीं होता। इसलिए पहले खुद के लिए समय निकालो और फिर बाकी कार्य करो तो तुम ज्यादा एनर्जी लेवल के साथ काम पूरा कर पाओगी। घर के काम पूरी तरह से व्यायाम का विकल्प नहीं हैं।"

■ पुराने समय से आज की तुलना

महिलाएं बहु प्रतिभाशाली होती हैं। आज के समय में तो महिलाएं घर और बाहर, दोनों काम देख रही हैं। अधिकांश महिलाओं का मानना है कि घरेलू काम ही पर्याप्त व्यायाम हैं और उन्हें खुद को फिट रखने के लिए किसी अन्य गतिविधि की जरूरत नहीं है। यही नहीं, अपनी बात को साबित करने के लिए वे पुराने जमाने की उपाधि भी कुछ इस तरह देती हैं, "क्या उस समय कोई जिम या व्यायाम उपकरण होते थे? तब भी तो सब स्वस्थ और फिट रहती थीं।" माना, उस समय महिलाओं को घर पर ही चक्की की सहायता से आटा पीसना पड़ता था, पूरे फर्श को मिट्टी, गोबर और पानी से लीपना पड़ता था। वे कसरत का अच्छे विकल्प थे, लेकिन आज के घरेलू काम नहीं। यह पूरी तरह सच है।

गृह कार्य भी शारीरिक मेहनत

Diese Geschichte stammt aus der October 06, 2023-Ausgabe von Rupayan.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der October 06, 2023-Ausgabe von Rupayan.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS RUPAYANAlle anzeigen
ढीला ढक्कन
Rupayan

ढीला ढक्कन

“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”

time-read
2 Minuten  |
January 03, 2025
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
Rupayan

सर्दी के मौसम में अदरक का साथ

सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?

time-read
2 Minuten  |
January 03, 2025
ये परदे कुछ खास हैं
Rupayan

ये परदे कुछ खास हैं

परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।

time-read
2 Minuten  |
January 03, 2025
कहीं छोटा न रह जाए!
Rupayan

कहीं छोटा न रह जाए!

बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।

time-read
2 Minuten  |
January 03, 2025
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
Rupayan

जेन-जी का आकर्षक स्टाइल

जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।

time-read
4 Minuten  |
January 03, 2025
क्या फट गई हैं एड़ियां?
Rupayan

क्या फट गई हैं एड़ियां?

सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?

time-read
2 Minuten  |
January 03, 2025
नए साल में खिलें फूल की तरह!
Rupayan

नए साल में खिलें फूल की तरह!

दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।

time-read
6 Minuten  |
January 03, 2025
सपनों की स्टीयरिंग
Rupayan

सपनों की स्टीयरिंग

उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।

time-read
2 Minuten  |
December 27, 2024
पावभाजी मखनी
Rupayan

पावभाजी मखनी

स्वाद बैंक-पावभाजी मखनी

time-read
1 min  |
December 27, 2024
तंदूरी प्याज कुलचा
Rupayan

तंदूरी प्याज कुलचा

स्वाद बैंक-तंदूरी प्याज कुलचा

time-read
1 min  |
December 27, 2024