सरोज बाला 60 वर्ष की उम्र में फिर से व्यस्त हो गई हैं। इतनी कि पहले कभी नहीं रहीं। सुबह से लेकर शाम-रात तक उनके रहनसहन का तरीका बदल गया है। सच कहा जाए तो वह अब आकर जिंदगी को जी रही हैं। पति के रिटायरमेंट के बाद उन्हें लगने लगा था कि उनकी जिंदगी भी ठहर जाएगी, क्योंकि पति की नौकरी के चलते सुबह से शाम तक उनके लिए लगे रहना ही तब एकमात्र उद्देश्य होता था और यह चिंता रहने लगी थी कि अब आगे क्या होगा? सुबह से लेकर शाम तक रहना तो घर में ही है, लेकिन साथ में अब पति भी रहेंगे। बस साथ रहने की इसी उम्मीद ने सरोज बाला को एक नए जोश से भर दिया। नतीजा यह कि वह अब पहले से ज्यादा सक्रिय और खुश रहने लगी हैं। जाहिर है, पति भी खुश हैं। उधर सरकारी नौकरी से रिटायर हुईं मिथिलेश के बेटे और बहू को इस बात की टेंशन हो गई कि अब माता जी भी घर पर रहेंगी, जिसका उनके जीवन और दिनचर्या पर असर पड़ेगा। पहले तो किसी तरह मैनेज हो जाता था। हालांकि उनके बहू-बेटे दोनों कामकाजी हैं और सुबह घर से निकलते हैं तो शाम को ही लौटते हैं। हमारे यहां रिटायरमेंट शब्द के साथ नौकरी ही नहीं, कई सारी चीजों से रिटायर होने का चलन जुड़ा हुआ है। रिटायर होने का मतलब होता है कि अब आप बेकार हैं, अब आपके पास करने के लिए कोई रोजाना का काम नहीं है, एक तरह से आप बेकार और बेमतलब हैं!
Diese Geschichte stammt aus der December 01, 2023-Ausgabe von Rupayan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der December 01, 2023-Ausgabe von Rupayan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?