क्या वह करने लगा है बहस?
Rupayan|June 21, 2024
बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते हैं, अपना पक्ष रखना सीख जाते हैं। लेकिन पक्ष रखने की यह आदत यदि तर्कपूर्ण न होकर बहस का रूप लेने लगे तो इस पर ध्यान देना जरूरी है।
मेखला गुप्ता
क्या वह करने लगा है बहस?

र्क करना या बहस करना अच्छा है, जब तक कि वह सकारात्मक पहलुओं पर की जाए। बच्चों में बहस करने की आदत सामान्य होती है, जो उनके मानसिक और सामाजिक विकास का हिस्सा है। सकारात्मक बहस बच्चों में आत्मनिर्भरता की भावना को जगाती है। मगर जब यह बहस नकारात्मकता की ओर बढ़े और विवाद का रूप लेने लगे तो इसे रोकना जरूरी हो जाता है, क्योंकि कई बार बहस करना बच्चों को उद्दंड भी बना देता है। इसलिए जरूरी है, समय रहते बच्चों के प्रश्नों और बहस के बीच के इस छोटे से फर्क को समझना और उनका उचित मार्गदर्शन करना।

Diese Geschichte stammt aus der June 21, 2024-Ausgabe von Rupayan.

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