अनिल और पूजा की बेटी पढ़ाई के सिलसिले में दूसरे शहर चली गई। बेटा भी पढ़ाई करके विदेश में ही नौकरी करने लगा। अनिल का घर एकदम सूना हो गया और यह खालीपन उन्हें काटने को दौड़ने लगा। धीरे-धीरे वह अवसाद का शिकार हो गए। उनके पड़ोस में डॉ. भानु प्रसाद रहते हैं, जो पेशे से मनोचिकित्सक हैं। डॉ. भानु ने अनिल को डॉगी पालने को कहा, मगर अनिल को डॉग्स से एलर्जी है, जिस वजह से वह चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकते। इस बात का पता चलने के बाद डॉ. भानु ने उन्हें बिल्ली, मछली, पक्षी या कछुआ जैसे छोटे जानवर पालने की सलाह दी। अनिल जी ने उनकी सलाह मानी और कछुए को पाला, तो उनकी पत्नी पूजा को तोते से लगाव हो गया। अब तो अनिल के साथ पूजा का अवसाद भी छू-मंतर हो गया है। दोनों पूरे दिन अपने पालतू जानवरों के साथ खेलते हैं, उनसे बातें करते हैं और समय-समय पर उन्हें खाना खिलाते हैं। ऐसा करने से उनका खाली जीवन एकदम भर गया और अब उन्हें महसूस होता है, मानो वे अपने पूरे परिवार के साथ रह रहे हैं। जानकारों के अनुसार, पशुओं द्वारा तनाव को दूर करने की इस विधि को 'पेट थेरेपी' के नाम से जाना जाता है।
क्या है पेट थेरेपी
पेट थेरेपी को एएटी यानी एनिमलअसिस्टेड थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसी थेरेपी है, जिसमें जानवरों का उपयोग मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। पेट थेरेपी का मुख्य उद्देश्य विभिन्न बीमारियों और विकारों से ग्रस्त मरीजों के उपचार में सहायता करना है। आसान शब्दों में कहा जाए तो यह एक ऐसी थेरेपी है, जिसमें पालतू जानवर लोगों को शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से उबरने में मदद करते हैं। पेट थेरेपी विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहे लोगों को आराम, भावनात्मक सहायता और चिकित्सकीय देखभाल प्रदान करती है, जिसके लिए किसी जानवर का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग अक्सर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे कि चिंता, अवसाद, शोक और तनाव विकार के लिए किया जाता है। साथ ही अब यह शारीरिक रोगों के भावनात्मक घटकों के लिए भी उपयोग में लाई जा रही है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, जानवर पालने से आप सुरक्षित और खुश महसूस कर सकती हैं, जिससे आपका तनाव कम होता है और आप स्वस्थ रहती हैं।
Diese Geschichte stammt aus der July 05, 2024-Ausgabe von Rupayan.
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छोटी चोटें बड़ा जोखिम
घर के ढेर सारे काम करने के दौरान आपको जख्म या चोट लग जाती है, जिसका इलाज आप घर पर खुद ही कर लेती हैं, लेकिन हमेशा ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है।
मायके से अनूठा प्रेम
“असल में वह कंवलजीत के मायके की तरफ से आया था, इसलिए मुझसे नहीं रहा गया”, कहते हुए उनकी आंखों से कंवलजीत के लिए स्नेह उमड़ आया था।
पत्ते-पत्ते में सहित
स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी है पोष्टिक आहार का सेवन। ठंड का मौसम विशेष रूप से गलत त से पोषक तत्वों के सेवन के लिए उपयुक्त होता है, जो आपको हरी पत्तेदार सब्नियों के साथ-साथ अन्य सब्जियों के पत्तों से भी मिल सकता है।
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नए साल में कुछ नया, कुछ पुराना
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सर्दी के मोसम में बच्चे पानी को देखते ही भागने लगते हैं। ऐसे में उन्हें नहलाना आसान काम नहीं है। लेकिन अगर वे हर मौसम में ऐसा करते हैं तो यह एब्लूटोफोबिया' हो सकता है।
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क्या कहता है बालों का नया ट्रेंड
साल नया है, तो आपको अपने लुक और हेयर स्टाइल को भी बदल लेना चाहिए। इस समय कई ऐसे विंटर हेयर स्टाइल ट्रेंड में हैं, जो आपको सबसे खास और आकर्षक लुक दे सकते हैं।
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मॉर्निंग वॉक से सुधरेगी रिश्ते की सेहत
सुबह ताजगी से भरी होती है। जानकार कहते हैं कि मॉर्निंग वॉक से सिर्फ सेहत ही अच्छी नहीं रहती, बल्कि अगर कोई अनबन है तो सुबह की सैर आपके रिश्ते की सेहत को भी सुधार सकती है।