श्रेया को आज भी अच्छी तरह याद है वो दिन, जब वह नन्हे आदित्य को स्कूल छोड़कर आई थी। वह आदित्य के स्कूल का पहला दिन था। स्कूल के गेट पर उसकी आंखें आंसुओं से डबडबा रही थीं। श्रेया का दिल टूटा जा रहा था । आदित्य को छोड़ते हुए एक बार उसका मन हुआ कि बेटे को वापस ले जाए, पर तभी पीछे से आती एक नन्ही बच्ची ने लपककर आदित्य का हाथ पकड़ लिया और बोली, "चलो, हम दोनों साथ चलते हैं।" आदित्य की आंखों में एक चमक- सी आ गई और वह उस लड़की का हाथ पकड़कर श्रेया को टाटा करके क्लास में चला गया। उस नन्ही लड़की ने श्रेया के दिल को राहत दे दी थी। घर लौटकर आदित्य ने अपनी नई दोस्त की कई बातें उसे बताई। उसका मन अब स्कूल लगने लगा था।
यह छोटा-सा महत्वहीन किस्सा अगर सोचा जाए तो बहुत ही खास है। दोस्ती या मित्रता का अपना एक महत्व है। किसी भी बच्चे के संतुलित विकास में दोस्ती महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। अक्सर सुना जाता है कि बचपन की दोस्ती जीवन भर के लिए होती है। अपने रिश्ते हम स्वयं नहीं चुनते, क्योंकि हम जिस भी परिवार में जन्म लेते हैं, उससे जुड़ जाते हैं। रिश्ते पूर्व निर्धारित होते हैं, लेकिन सिर्फ एक ही रिश्ता होता है, जो हम स्वयं चुनते हैं और वह है दोस्ती। पुराणों में भी सच्ची दोस्ती की ढेर सारी मिसालें मौजूद हैं, जो किसी भी रिश्ते से ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हुई हैं, जैसे कि श्रीकृष्ण एवं सुदामा और दुर्योधन एवं कर्ण की।
Diese Geschichte stammt aus der August 02, 2024-Ausgabe von Rupayan.
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ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
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तंदूरी प्याज कुलचा
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