बारिश का पानी चूड़ियों के रंग
Rupayan|August 02, 2024
सावन के महीने में चूड़ियां पहनने की परंपरा महिलाओं के रंग, खुशी और उत्साह , का संचार करती है, साथ ही उनके सौंदर्य को भारतीय संस्कृति से भी जोड़े रखती है।
कंचन चौहान
बारिश का पानी चूड़ियों के रंग

सावन का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है और इस समय महिलाओं के लिए चूड़ियों का आकर्षण और भी बढ़ जाता है। भारतीय संस्कृति में चूड़ियां स्त्री के सुहाग की निशानी मानी जाती हैं। ये चूड़ियां न केवल उनकी सुंदरता में चार चांद लगाती हैं, बल्कि इनके कई सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी हैं। चूड़ियां पहनने से महिलाओं के हाथों की सुंदरता बढ़ती है। विभिन्न रंगों और डिजाइनों की चूड़ियां महिलाओं की पोशाक के साथ मेल खाती हैं और उनके आकर्षण को बढ़ाती हैं। ऐसे में, इस सावन आप भी इस आकर्षण को और बढ़ा सकती हैं।

मिरर वर्क की चमक : इस समय मिरर वर्क काफी ट्रेंड में है, फिर चाहे वो कपड़ों में हो या चूड़ियों में। इसमें कई तरह की वैरायटी उपलब्ध हैं, जिनमें हैवी और लाइट वर्क, दोनों शामिल हैं। मिरर वर्क वाली चूड़ियां हर रंग में खूबसूरत नजर आती हैं। आप जब मिरर वर्क वाली चूड़ियों को कैरी करें तो सिंपल आउटफिट पहनें। इससे आपके लुक का एक अनोखा और आकर्षक अंदाज नजर आएगा।

Diese Geschichte stammt aus der August 02, 2024-Ausgabe von Rupayan.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der August 02, 2024-Ausgabe von Rupayan.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS RUPAYANAlle anzeigen
शाप भी देते हैं पितर
Rupayan

शाप भी देते हैं पितर

धर्मशास्त्रों ने श्राद्ध न करने से जिस भीषण कष्ट का वर्णन किया है, वह अत्यंत मार्मिक है। इसीलिए शास्त्रों में पितृपक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने को कहा गया है।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
हर तिथि का अलग श्राद्धफल
Rupayan

हर तिथि का अलग श्राद्धफल

पितृपक्ष में पितरों के निमित्त तिथियों का ध्यान रखना भी जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार, तिथि अनुसार किए गए श्राद्ध का फल भी अलग-अलग होता है।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
पितृदोष में पीपल की परिक्रमा
Rupayan

पितृदोष में पीपल की परिक्रमा

शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितृदोष दूर करने के उपाय जरूर करने चाहिए, ताकि पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
पिंडदान के अलग-अलग विधान
Rupayan

पिंडदान के अलग-अलग विधान

व्यक्ति का अंत समय कैसा रहा, इस आधार पर उसकी श्राद्ध विधि भी विशेष हो जाती है। अलग-अलग मृत्यु स्थितियों के लिए अलग-अलग तरह से पिंडदान का विधान है।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
पितृपक्ष में दान
Rupayan

पितृपक्ष में दान

भारतीय संस्कृति में दान की महत्ता अपरंपार है। लेकिन पितृ पक्ष के दौरान दान का विशेष महत्व है। कुछ वस्तुओं के दान को तो महादान माना गया है।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
जैसी श्रद्धा, वैसा भोज
Rupayan

जैसी श्रद्धा, वैसा भोज

पितृपक्ष में ब्राह्मण भोज जरूरी है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अत्यंत गरीब है तो वह जल में काले तिल डालकर ही पूर्वजों का तर्पण कर सकता है।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
स्त्रियों को भी है अधिकार
Rupayan

स्त्रियों को भी है अधिकार

यदि परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं है तो ऐसी स्थिति में स्त्री भी संकल्प लेकर श्राद्ध कर सकती है। शास्त्रों ने इसके लिए कुछ नियम बताए हैं।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
निस्संतान के श्राद्ध की विधि
Rupayan

निस्संतान के श्राद्ध की विधि

शास्त्रों के अनुसार, पुत्र ही पिता का श्राद्ध कर्म करता है। ऐसे में जो लोग निस्संतान थे, उन्हें तृप्ति कैसे मिलेगी ? शास्त्रों ने उनके लिए भी कुछ विधान बताए हैं।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024
पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान
Rupayan

पंडित न हों तो कैसे करें पिंडदान

पिंडदान के लिए यदि कोई पंडित उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में शास्त्रों ने इसका भी मार्ग बताया है, जिससे आप श्राद्ध कर्म संपन्न कर सकते हैं।

time-read
1 min  |
September 13, 2024
किस दिशा से पितरों का आगमन
Rupayan

किस दिशा से पितरों का आगमन

पितरों के तर्पण में कुछ वास्तु नियम भी बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिनके पालन से तर्पण का अधिकतम लाभ होता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

time-read
2 Minuten  |
September 13, 2024