तेज और ऊंची आवाज में बात करने वाली महिलाओं को मतलबी भी समझा जा सकता है, जो उनकी इमेज पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
सोसाइटी में पिछले महीने ही आई संजना जब किटी पार्टी की मेंबर बनी तो पहली बार सभी ने उसका खुले दिल से स्वागत किया। पढ़ी-लिखी संजना पहले प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थी, लेकिन मां बनने के बाद उसने जॉब छोड़ दी और घर पर ही ट्यूशन देना शुरू कर दिया। संजना में लोगों को अपना बनाने सभी गुण हैं, लेकिन धीरे-धीरे सभी दोस्त उससे दूरी बनाने लगे हैं और कारण बड़ा अजीब-सा है। दरअसल, संजना बहुत तेज बोलती है! जब तक कोई उसका पहला वाक्य समझे, वह तब तक कई वाक्य बोल चुकी होती है। इस तेजी में वह कभी-कभी ऐसी बातें भी बोल जाती है, जो कि दिल को चुभ जाती हैं और सभी एक-दूसरे का मुंह ताकते रह जाते हैं। नतीजा यह है कि कुछ दिन पहले तक जो संजना सबकी चहेती थी, उसकी जल्दी-जल्दी बोलने की आदत से सोसाइटी के अन्य लोग उससे दूर रहने लगे हैं और बात करने से कतराते हैं। संजना की तो जैसे-तैसे चल जाएगा, लेकिन साइना तो जॉब करती है। उसके तेज बोलने से पूरा दप्तर परेशान है। मीटिंग में उसे बोलने का मौका न के बराबर दिया जाता है, क्योंकि जब वह बोलती है तो रुकने का नाम नहीं लेती। सहकर्मी बोलने के दौरान उसके सांस लेने का इंतजार करते हैं, ताकि उसे रोककर किसी दूसरे को बोलने का मौका दिया जा सके! लेकिन ऐसा क्यों होता है? आखिर तेज बोलने की यह आदत आती कहां से है और इसे कैसै सुधारा जा सकता है?
■ बचपन के अनुभव
Diese Geschichte stammt aus der August 09, 2024-Ausgabe von Rupayan.
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क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
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इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?