
एक वक्त था, जब ऑफिस का काम ज्यादा होने के बाद भी वर्कलोड ज्यादा नहीं होता था। ऐसा इसलिए, क्योंकि उस समय ऑफिस वर्क बस ऑफिस तक ही सीमित होता था। मगर कोरोना के बाद से आलम कुछ ऐसा है कि ऑफिस वर्क लोगों की शारीरिक सेहत के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी अत्यधिक असर डाल रहा है। पुरुष हो या महिला, दोनों की जिंदगी में काम का तनाव इतना ज्यादा बढ़ गया है कि उनकी निजी जिंदगी इससे प्रभावित होने लगी है। वे ऑफिस वर्क को मैनेज नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों खराब हो रही हैं। दफ्तर की नौ घंटे की स्ट्रेसफुल टाइमिंग, बॉस का दबाव, मैनेजमेंट की मुश्किल, समय-सीमा, ग्राहक का फीडबैक आदि दिक्कतों की वजह से ऑफिस स्ट्रेस बढ़ता ही जा रहा है। इस वर्क स्ट्रेस की वजह से लोग कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जैसे कि तनाव, अवसाद, ब्लड प्रेशर की समस्या, डायबिटीज, मोटापा, थकान, नींद की कमी और दिल की बीमारियां आदि।
दफ्तर में बढ़ते काम का दबाव युवाओं में तनाव की गंभीर समस्या को जन्म दे रहा है। इस तनाव की वजह से सोचने और समझने की क्षमता कम हो रही है। साथ ही कार्यक्षमता और रचनात्मकता भी कम हो रही है। आपको जब भी तनाव होता है तो आप चिड़चिड़ी-सी हो जाती हैं। किसी से बात करने का मन नहीं करता, घर वालों और दोस्तों से ढंग से बात भी नहीं हो पाती। दफ्तर में लंबे समय तक काम करना, रात की शिफ्ट में काम करना, काम का दबाव और हमेशा बढ़ती मांगों के कारण आप तनाव में आ जाती हैं। तनाव का स्तर एक सीमा से ज्यादा बढ़ जाने पर यह दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है, जो ठीक नहीं है।
Diese Geschichte stammt aus der August 23, 2024-Ausgabe von Rupayan.
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लगाती हैं आर्टिफिशियल नेल?
हाथों की खूबसूरती में चार-चांद लगाते हैं नाखून। नेल एक्सटेंशन इसकी सुंदरता को और अधिक निखार देते हैं। लेकिन कहीं ये आपके नेचुरल नाखूनों को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे !

अपनी राह अपनी मा जिल
कई महिलाएं अपने दम पर अलग पहचान बनाती हैं। वे समाज के उन लोगों के लिए हाथ बढ़ाती हैं, जिन्हें कभी मौका नहीं मिला। वे उन्हें राह दिखाती हैं और सशक्त बनाती हैं। ऐसी महिलाएं प्रेरक होती हैं।

झूठे ख्वाबों की दुनिया
हमारा आने वाला कल खूबसूरत हो, इसके लिए हम तमाम योजनाएं बनाते हैं। मगर हमेशा आने वाले कल की ही बातें करना और लुभावने वादों में फंस जाना 'फ्यूचर फेकिंग' हो सकता है।

अगर निकलवाना पड़ जाए यूट्रस
यूस यानी गर्भाशय निकलवाने का विचार किसी भी महिला के लिए बेहद डरावना होता है। ऐसे में इसकी प्रक्रिया, जोखिम और पुनः स्वस्थ होने की प्रक्रिया को समझना बहुत जरूरी है।

उम्र क्या चीज है ...
आप बेहद खूबसूरत हैं, फिर चाहे आपकी उम्र 40 हो या उससे ज्यादा। ऐसे में क्यों केवल सूट-सलवार तक सिमट कर रहना? आप हर उम्र में अपने स्टाइल का जलवा बिखेर सकती हैं।

डिलीवरी बॉय
क्या हुआ, कुछ दिक्कत है क्या?\" पीछे से किसी ने आवाज दी। रश्मि ने पलटकर देखा तो एक फूड डिलीवरी बॉय था।

सजी-संवरी घर की दीवारें
घर की खाली दीवारें उबाऊ-सी लगती हैं, जिन पर किसी का कोई खास ध्यान नहीं जाता। लेकिन अगर इन्हें सुंदर वॉल आर्ट डिजाइन से सजा दिया जाए तो ये आकर्षण का केंद्र बन जाती हैं।

फंकी मेकअप आप हो जाएंगी खास
अगर आप अपने लुक के साथ एक्सपेरिमेंट करना चाहती हैं तो फंकी मेकअप आपके लिए ही है। यह बोल्ड लुक, अनोखे रंग, टेक्सचर और स्टाइल चुनने का विकल्प देता है।

घर का करें 'ड्रेसअप'
आप जैसे ही घर में थोड़ा-सा भी परिवर्तन करती हैं तो मेहमानों से लेकर सबका ध्यान बदलाव पर जाता है। इसलिए समय-समय पर घर का ड्रेसअप करती रहें।

दोस्त नहीं और दुश्मन भी नहीं
कुछ दोस्त ऐसे होते हैं, जो कहने को तो दोस्ती का रिश्ता रखते हैं, मगर आपकी पीठ पीछे आपसे दुश्मनी निभाते हैं। ऐसे दोस्तों को 'फ्रेनेमी' नाम दिया गया है।