"मैं हमेशा आपकी ही दुकान से कपड़े खरीदती हूं और आप इतना दाम बोल रहे हो!"
"नहीं मैडम जी, 500 रुपये से एक पैसा भी कम नहीं होगा।"
"अरे! क्या बात कर रहे हो भैया! पिछली दुकान से मिश्रा आंटी ने तो यह साड़ी 300 रुपये में खरीदी हैं।"
"मैडम जी, उस साड़ी की क्वालिटी अच्छी नहीं होगी। चलो, 490 में ले जाओ मैडम जी।"
"नहीं-नहीं, 350 रुपये से एक पैसा ज्यादा नहीं दूंगी। देना हो तो बोलो?"
"अच्छा चलो, न आपकी, न मेरी। 450 रुपये में ले जाओ।"
"रहने दो, नहीं चाहिए", यह कहते हुए अनामिका आगे बढ़ गई। तभी दुकानदार ने पीछे से आवाज लगाई, "अरे बात तो सुनो मैडम जी, नाराज क्यों होती हो? आप मेरी पुरानी ग्राहक हो। 400 रुपये में ले जाओ, पर किसी को बताना नहीं कि यह साड़ी आपने कितने रुपये में खरीदी है।"
"ठीक है भैया!" इस तरह अनामिका ने सौदा पक्का कर लिया। वैसे तो बाजार का हमेशा से ऐसा ही हाल रहा है, फिर चाहे वह इंदौर का राजवाड़ा बाजार हो, वाराणसी का गोदौलिया मार्केट या दिल्ली का चांदनी चौक। मोल-भाव कर ग्राहक मन ही मन यह सोचकर खुश हो जाते हैं कि उन्हें 500 की चीज 400 रुपये में मिल गई और दुकानदार यह सोचकर खुश है कि मुनाफा कम ही सही, पर बिक्री तो हुई। भारतीय समाज में खरीदारी करते हुए मोल-भाव करना मानो एक कला मानी जाती है। यह प्रक्रिया हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। मोल-भाव खरीदारी की एक ऐसी कला है, जिसमें व्यक्ति अपनी कुशलता, धैर्य और चतुराई से किसी वस्तु का दाम कम कराता है। दिलचस्प बात यह है कि अधिकतर लोगों का मानना है कि मोल-भाव करने में पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक कुशल होती हैं।
■ महिलाओं की कुशलता
Diese Geschichte stammt aus der October 04, 2024-Ausgabe von Rupayan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der October 04, 2024-Ausgabe von Rupayan.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
ढीला ढक्कन
“ओफ्फो श्रेया, कुछ काम तो तसल्ली से कर लिया करो। पता नहीं क्यों, हर समय जल्दबाजी में रहती हो?”श्रेया ने आवाज सुन वहीं से जानना चाहा और बोली, “अब क्या हुआ शेखर? क्या कर दिया मैंने?”
सर्दी के मौसम में अदरक का साथ
सर्दियों में अदरक का सेवन करने से शरीर को गरमी और ऊर्जा मिलती है, लेकिन इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए?
ये परदे कुछ खास हैं
परदे घर की खूबसूरती को बढ़ाते हैं और कमरे में रंग, पैटर्न और टेक्सचर की छटा बिखेरते हैं। परदे बाहर से आने वाली गंदगी को घर में आने से भी रोकते हैं और कमरे में एकांत की भावना पैदा करते हैं। इसके साथ ही खूबसूरत परदों के इस्तेमाल से फर्नीचर की शोभा भी बढ़ जाती है। आजकल बाजार में कई डिजाइनों के खूबसूरत परदे आसानी से मिल जाते हैं, जिससे घर की खूबसूरती में चार-चांद लगाए जा सकते हैं।
कहीं छोटा न रह जाए!
बच्चों की हाइट को लेकर कई माता-पिता परेशान रहते हैं, खासतौर से जिनकी हाइट उम्र के हिसाब से कम होती है। जानकार कहते हैं कि ऐसे में आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें।
जेन-जी का आकर्षक स्टाइल
जेन-जी के फैशन ट्रेंड्स ने सर्दियों के फैशन को एक नया आयाम दिया है। उसकी स्टाइलिंग में एक ऐसा कॉन्फिडेंस और इनोवेशन है, जो उसे भीड़ में भी सबसे खास दिखाता है।
क्या फट गई हैं एड़ियां?
सर्दियों में कई महिलाओं की एड़ियां फटने लगती हैं। कभी-कभी तो यह समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि एड़ियों खून तक आने लगता है। ऐसे आप क्या करती हैं?
नए साल में खिलें फूल की तरह!
दिन बदले। साल बदल गए। खुद को कितना बदला आपने? खुद को कितना 'नया' बनाया आपने? समय-समय पर सकारात्मक बदलाव जरूरी हैं, तभी जिंदगी में कुछ नया होता है।
सपनों की स्टीयरिंग
उस वक्त रोजगार की कोई खास समस्या नहीं थी। समस्या थी तो बस पिता के पास बैठ अपने सपने की बात करना।
पावभाजी मखनी
स्वाद बैंक-पावभाजी मखनी
तंदूरी प्याज कुलचा
स्वाद बैंक-तंदूरी प्याज कुलचा