'एक जिला एक उत्पाद' यानी ओडीओपी में शामिल किए जाने और भौगोलिक सूचकांक यानी जीआई मिलने के बाद काला नमक धान सब से ज्यादा बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बलरामपुर, गोंडा जिलों में पैदा किया जाता है.
इस का इतिहास तकरीबन 2600 साल पुराना माना जाता है. काला नमक धान की खेती बुद्ध के समय में भी की जाती थी. कहा जाता है कि बुद्ध ने कपिलवस्तु की तराई में अपने शिष्यों को यह चावल सौंपा था और कहा था कि इस की खुशबू व क्वालिटी उन की याद दिलाएगी.
काला नमक धान की बात उठते ही मन में मुलायम और सुगंधित चावल के दाने का खयाल आने लगता है. ज्यादातर आम घरों में यह चावल किसी महत्त्वपूर्ण समारोह, शादीब्याह और दूसरे कार्यक्रमों जैसे अवसरों पर परोसा जाता है.
बाजार में काला नमक चावल को बेचना आसान नहीं है, क्योंकि यह अन्य चावल की किस्मों से अधिक महंगा है. इस बात को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा 'विश्व के विशिष्ट चावल' पुस्तक के भाग के रूप में भी प्रदर्शित किया जा चुका है.
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के किसानों के लिए उन के द्वारा उगाई जाने वाली 3 मुख्य फसलों गेहूं, धान और गन्ने में से धान की फसल का विशेष महत्त्व है. यहां की उपजाऊ मिट्टी और बहती नदियों द्वारा जलोढ़ मिट्टी का जमाव, उपयुक्त नम जलवायु और बस्ती और आसपास के अन्य जिलों में प्राकृतिक जल स्त्रोतों की उपलब्धता इस क्षेत्र में धान की खेती के लिए प्रचुर परिस्थितियां बनाती है.
Diese Geschichte stammt aus der May First 2024-Ausgabe von Farm and Food.
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
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धान की कटाई से भंडारण तक की तकनीकी
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