ख्वाब, रंगीन और सुनहरे सपने, हवाई किले तामीर करते सपने। कभी बेहद सताते हैं यह सपने। कभी खुशियां तो कभी गम में डुबाते हैं ये सपने। बड़ी अजीब है ख्वाबों की यह दुनिया भी, जिसकी जमीं पर हम खुद ही बनाते हैं। खयालों के घरौंदे, जो नींद टूटने के साथ ही रेत के महल की तरह ढह जाते हैं। कभी यह याद रह जाते हैं, तो कभी भूल जाते हैं, पर यह सिलसिला अनवरत चलता ही रहता है। हममें से हर कोई, कभी न कभी गहरी नींद में डूबते ही ख्वाबों की दुनिया में खो जाता है, कभी रंगीन दुनिया में तो कभी संगीन दुनिया में। इसका कारण स्पष्ट नहीं है कि हम इन्हें देखते क्यों है। किन्तु, एक बात सत्य है कि सपने हमारी दिमागी स्थिरता को कायम रखने में सहायक होते हैं। एक शोध के अनुसार, जो लोग कुछ रातों तक सपने नहीं देख पाते, वे चिड़चिड़े, क्लांत और विचलित हो जाते हैं। कारण यही है कि उन्हें भरपूर नींद नहीं मिल पाती और वे अनिद्रा रोग के शिकार रहते हैं।
क्यों देखते हैं हम सपने?
अभी तक इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाया है कि हम सपने क्यों देखते हैं, पर एक थ्योरी के अनुसार, ये प्रसंगवश दिखाई पड़ते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब हम गहरी नींद सो रहे होते हैं तो हमारे मस्तिष्क के कुछ 'न्यूरोन' (नाड़ी कोशिकाएं) धीरे-धीरे एक प्राकृतिक विद्युत लहर द्वारा चार्ज होते हैं। ये कोशिकाएं चार्ज होने के बाद अपनी पड़ोसी कोशिकाओं को प्रोत्साहित करती हैं। फलतः अवचेतन में सुप्त यादें, विचार और भावनाएं, जो छिपी होती हैं, जाग उठती हैं और वे ख्वाब की शक्ल में बदल कर हमें दिखाई पड़ने लगती हैं।
सपनों को प्रोत्साहित करते भोज्य पदार्थ
Diese Geschichte stammt aus der July 2023-Ausgabe von Sadhana Path.
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
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सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
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