मल्टीग्रेन आटा है पोषकता और स्वाद से भरपूर
Sadhana Path|August 2023
हममें से कुछ लोग आटे का सेवन या तो कम कर देते हैं या फिर केवल गेहूं के आटे व उससे बनी चीजों का ही सेवन करते हैं, जो कतई सही नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि हमें अपने डाइट चार्ट में दूसरे अनाजों से तैयार आटों को भी स्थान देना चाहिए व अपनी सेहत के लिए बेहतर विकल्प चुनना चाहिए।
प्रीता जैन
मल्टीग्रेन आटा है पोषकता और स्वाद से भरपूर

सेहतमंद रहने के लिए हमें ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें मैक्रो न्यूट्रिएंट्स (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा) और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स (मिनरल्स और विटामिन्स) संतुलित मात्रा में हो। अनाजों में सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, शरीर की कार्यप्रणाली को सामान्य बनाए रखने के लिए इनका सेवन जरूरी है। ये हमें ऊर्जा देते हैं, इनमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है। पर इन अनाजों से आटा तैयार करने की प्रतिक्रिया में इनकी पोषकता में कमी आ जाती है। अत: अपने और परिवार की अच्छी सेहत के लिए सही आटे का चुनाव व उससे सम्बंधित कुछ निम्न ध्यान रखना जरूरी है-

आटे विभिन्न प्रकार के होते हैं जो निम्न हैं-

1. गेहूं का आटा

गेहूं से केवल आटा ही नहीं, मैदा, सूजी, दलिया आदि भी तैयार किए जाते हैं। रोटी, ब्रेड, बिस्किट, टोस्ट, केक, पेस्ट्री, नूडल्स, पास्ता, मैक्रोनी आदि जैसी अनगिनत चीजें गेहूं से बने उत्पादों से तैयार होती हैं, यह दुनिया में सबसे अधिक खाया जाता है। गेहूं को साबुत रूप में खाना सबसे अच्छा रहता है। इसे पीसने के बाद छानना नहीं चाहिए, चोकर युक्त आटे का सेवन करें। व्हाइट ब्रेड की बजाय आटा ब्रेड या होल-ग्रेन ब्रेड खाना बेहतर है। बाजार में होल-ग्रेन नूडल्स, पास्ता व मैक्रोनी भी आसानी से उपलब्ध हैं। मैदे व उससे बने उत्पादों का सेवन कम कम करें। दरअसल, मैदा और गेहूं को वह आटा है जिसे बनाने में सभी पोषक तत्व निकल जाते हैं, केवल कार्बोहाइड्रेट बचता है। जिन व्यक्तियों को ग्लूटन और गेहूं से एलर्जी, सिलिएक डिसीज (रोग) और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम है, उन्हें गेहूं नहीं खाना चाहिए। 

2. ओट्स या जई का आटा

Diese Geschichte stammt aus der August 2023-Ausgabe von Sadhana Path.

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