एक लम्हा, कई सच, अनंत संभावनाएं
अपने ग्रह के समयांतर से हम परिचित हैं। किस समय कहां दिन होगा, ठीक उसी समय कहां रात, संध्या या दोपहर होगी, हम जान सकते हैं। इससे भी सूक्ष्म है पलों का हिसाब, जिसकी समग्र समझ विविधता, निरंतरता और संभावनाओं के सबक़ हैं।
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