एक कहावत है कि खराब पेट सौ बीमरियों की जड़ है। आपने घर के बड़े बुजुर्गों को कहते भी सुना होगा कि सही हाजमा अच्छी सेहत की निशानी है। कहने का मतलब है कि यदि आपका पाचन तंत्र दुरुस्त ढंग से काम कर रहा है तो आपकी सेहत खराब होने की संभावना कम हो जाती है। यही वजह है कि आहार में ताजे फल, हरी सब्जियां इत्यादि शामिल करने की सलाह दी जाती है। पर, जो चीज हमारे पाचन तंत्र को सही ढंग से काम करने में सबसे ज्यादा मदद करती है, वह है फर्मेटेड फूड यानी खमीरीकृत आहार। पुराने जमाने में वसंत और गर्मियों के मौसम में खाद्य पदार्थों को इस ढंग से संरक्षित करके रखा जाता था कि वह सर्दियों तक ताजे बने रहते थे। जिन खाद्य पदार्थों को उनकी मूल अवस्था में संरक्षित रखना संभव नहीं होता था, उन्हें फर्मेंटेशन यानी खमीरीकरण के माध्यम से संरक्षित कर लिया जाता था। अचार, किमची और सावरडो ब्रेड, फर्मेटेड आहार का ही एक रूप है। फाइबर के अलावा इनमें गुड बैक्टीरिया भी भारी मात्रा में होते हैं, जो पाचन के साथ-साथ हमारी मानसिक सेहत को भी दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।
क्या होता है खमीरीकृत आहार?
किसी खाद्य पदार्थ को दिनों या हफ्तों तक गर्म वातावरण में रखकर उसे खाने योग्य बनाने की प्रक्रिया को कल्चरिंग कहते हैं। इस प्रक्रिया से जो आहार तैयार होता है, उसे फर्मेटेड आहार कहा जाता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में खाद्य पदार्थ के ऑर्गेनिक मॉलेक्यूल्स, आहार में मौजूद एंजाइम्स के साथ क्रिया करके छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट जाते हैं, जिनमें भारी मात्रा में प्रोबॉयोटिक्स पाए जाते हैं। इस तरह के आहार का नियमित सेवन हमारे पेट को ठीक रखने में मदद करता है। दरअसल, हमारा पाचन तंत्र करीब सौ अरब बैक्टीरिया का घर है, जिसमें गुड और बैड, दोनों प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं। इनमें से जिस प्रकार के बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा होती है, हमारी सेहत पर उसी प्रकार का अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ता है।
खमीरीकृत आहार के फायदे
Diese Geschichte stammt aus der July 30, 2022-Ausgabe von Anokhi.
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