और कितना करेंगी अपनी खुशियों से समझौता?
Anokhi|December 14, 2024
परिवार, समाज और लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह में महिलाएं ऐसे रिश्तों को भी ताउम्र ढोती रह जाती हैं, जो बदले में उन्हें दुख और अपमान के अलावा कुछ और नहीं देता। क्यों जरूरी है कि इस मामले में वे अब अपनी खुशी से समझौता करना बंद कर दें, बता रही हैं ममता
ममता
और कितना करेंगी अपनी खुशियों से समझौता?

आप अपने रिश्ते को प्यार और सम्मान से सींचती हैं और चाहती हैं तो केवल इतना कि आपको भी बदले में प्यार और सम्मान मिले। पर, कुछ रिश्ते जहां ठंडी छांव देते हैं, तो कुछ कड़ी धूप में खड़ा रहने को भी मजबूर कर देते हैं। ऐसे में ऐसे नकारात्मक रिश्तों को ढोते रहना आपको घुन की तरह बर्बाद कर देता है। जरूरी है, प्यार से ऐसे रिश्तों से दूरी बना ली जाए ताकि इनका असर आपको भीतर से खोखला न कर दे।

स्वीकारें सच को

मनोविशेषज्ञ डॉ. समीर पारेख कहते हैं कि आप नकारात्मक रिश्ते से बंधी हैं और उससे खुद को आजाद करना चाहती हैं तो सबसे पहले आपको इसे पहचानना और स्वीकार करना होगा। कुछ सवाल आपकी इस उलझन को दूर करने में मदद करेंगे। जैसे आप क्या ऐसे व्यक्ति से जुड़ी हैं जो हर समय आपको केवल नीचा दिखाता है? उसके साथ बिताए समय के बाद आप तरोताजा और खुशनुमा महसूस करती हैं या भीतर से खोखला महसूस करती हैं ? क्या उसके साथ बिताए पलों में आप या आपकी भावनाएं कहीं नहीं होतीं, केवल सामने वाले के विचार और उसकी सोच ही सबसे ऊपर होती है ? इस रिश्ते को सहेजे रहने की कोशिश में आप अपना आत्मसम्मान और आत्मविश्वास खोता हुआ महसूस करती हैं? इन सवालों के जवाब अगर हां हैं, तो समझ जाइए कि आप नकारात्मक रिश्ते के बोझ को ढो रही हैं। ऐसे रिश्तों का नकारात्मक असर आपकी पूरी जिंदगी, आपके काम, आपकी भावनाओं और आपकी सेहत पर भी पड़ता है।

ना में छिपी है खुशी

Diese Geschichte stammt aus der December 14, 2024-Ausgabe von Anokhi.

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