मां बनने से बड़ा सुख शायद ही कोई महिला अनुभव करती होगी। गर्भ के नौ महीनों के लंबे सफर से लेकर बच्चे के दुनिया में आने के बाद के एक और नए सफर पर मां और बच्चे का रिश्ता मजबूत होता जाता है। हालांकि, इस नई राह में कुछ चुनौतियां भी होती हैं, जिनका सामना लगभग हर दूसरी नई मां को करना पड़ता है। ऐसी ही एक चुनौती है, स्तनपान। बच्चे के गोद में आने के बाद नई मां उसे छाती से लगाने का बेसब्री से इंतजार करती है। लेकिन कभी-कभी यह इंतजार निराशा में बदल जाता है। ऐसा तब होता है, जब बार-बार स्तन से लगाने पर भी दूध ठीक से नहीं आता या फिर स्तनपान के बावजूद बच्चे का पेट नहीं भर पाता। ऐसे में सही सलाह मां की इस परेशानी को दूर कर सकती है। यहां जानिए कि स्तनपान के दौरान मां को किस तरह की समस्याएं आती हैं और उनसे कैसे निपटा जा सकता है।
दूध कम बनना
एक नई मां के लिए सबसे बड़ी और सबसे आम समस्या है, दूध का कम बनना। अकसर मांएं इसकी शिकायत करती नजर आती हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि बच्चे को बार-बार स्तन से लगाने से यह समस्या दूर हो जाती है। पर, कुछ मांओं के लिए यह नुस्खा भी काम नहीं आता। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पल्लवी सिंह कहती हैं कि दूध का उत्पादन आपके हॉर्मोन पर निर्भर करता है। दरअसल स्तन में कुछ ऐसे प्वाइंट होते हैं, जो कुछ विशेष हॉर्मोन को दूध बनाने का संकेत देते हैं। जन्म के तुरंत बाद से बच्चे को स्तन से लगाने से यह हॉर्मोन सक्रिय रूप से काम करने लगते हैं। लेकिन देरी करने पर इनके संकेतों में कमी आने लगती है और दूध कम बनने लगता है। एक बार दूध कम बनने पर उसे बढ़ाना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या कामकाजी महिलाओं को ज्यादा हो सकती है क्योंकि वे अपना दूध निकालकर काम पर जाती हैं, इससे बच्चे को उसके हिस्से का दूध कुछ दिन तो मिल जाता है लेकिन मां के स्तन से दूर रहने के कारण दूध का उत्पादन गिर जाता है। डॉ. पल्लवी तनाव को भी दूध कम बनने का कारण बताती हैं, इसलिए नवजात के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नई मां के आसपास का माहौल खुशनुमा होना जरूरी है। साथ ही, कुछ खास दवाएं भी दूध के उत्पादन को गिरा देती हैं। किसी बीमारी में परामर्श लेते समय डॉक्टर को इस बात से जरूर अवगत कराएं कि आप स्तनपान करवाती हैं।
Diese Geschichte stammt aus der August 26, 2023-Ausgabe von Anokhi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der August 26, 2023-Ausgabe von Anokhi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
लौंग दा लश्कारा
पिछले कुछ समय में नाक में पहने जाने वाले तरह-तरह के गहनों का चलन बढ़ा है। अगर आपको भी नाक में जेवर पहनने का शौक है, तो आपके पास विकल्पों की भरमार है। कैसे चुनें अपने लिए ये जेवर और क्या-क्या हैं आपके सामने विकल्प, बता रही हैं स्वाति गौड़
पल-पल क्यों बदलता है मूड?
मूड स्विंग और महिलाओं का ऐसा नाता है कि अधिकांश महिलाएं इसे बीमारी मानती ही नहीं। पर, यह एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे हमारे जीवन पर गहरा असर डालने लगती है। क्या हैं मूड स्विंग के लक्षण और कैसे इससे उबरें, बता रही हैं शमीम खान
निवेश कीजिए सशक्त बनिए
महिलाएं कमाई करने में पीछे नहीं हैं। लेकिन जब बात निवेश की हो तो उनके कदम थोड़े लड़खड़ाने लगते हैं। हालांकि यह तस्वीर भी बदलती नजर आ रही है। इसमें आपकी भागीदारी इस बदलाव को गति दे सकती है। अपनी निवेश यात्रा की शुरुआत कैसे शुरू करें, बता रहे हैं वित्तीय सलाहकार पुनीत जैन
रिश्ते की गांठों को सुलझाने की कीजिए कोशिश
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार मनोविशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. गगनदीप कौर
हर बार गोभी का नया स्वाद
ठंड यानी रसोई में गोभी की बहार। पर, इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर दिन गोभी की एक जैसी सब्जी ही खाएं। गोभी से कौन-सी नई रेसिपी बनाएं, बता रही हैं अरुणा तिवारी
चलो लुटाएं पर्स पर प्यार
अपने पर्स या हैंड बैग के बिना आप घर से बाहर नहीं निकलतीं। पर, क्या पर्स की देखभाल पर थोडी-सी भी मेहनत करती हैं? कैसे करें पर्स की सही देखभाल ताकि वो दें सालों तक साथ, बता रही हैं शाश्वती
गाजर के गुण गाती रहेंगी आप
गाजर यों तो आंखों की सेहत का रखवाला माना जाता है। पर, इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों के लिए भी रामबाण साबित हो सकते हैं। बालों की सेहत सुधारने के लिए गाजर का कैसे करें इस्तेमाल, बता रही हैं श्रुति
प्यार से बढ़ेगा सुरक्षा का भाव
माता-पिता बच्चों के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी काम कर सकते हैं, वह है उन्हें सुरक्षित महसूस कराना। सुरक्षा का भाव बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के साथ उन्हें जिंदगी जीने का सही तरीका सिखाने में मददगार होता है। कैसे अपने बच्चे को दें सुरक्षित बचपन, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
क्यों जरूरी है रानी रामपाल को जानना?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
हर गहना कहेगा इक कहानी
शादी के लिए किसी एक भारी-भरकम जेवर पर ढेर सारा निवेश करने से बेहतर है, अलग-अलग स्टाइल के जेवरों को साथ पहनकर नया लुक तैयार करना। खास बात यह है कि जेवरों की लेयरिंग इन दिनों ट्रेंड में भी है। जेवरों की लेयरिंग करते वक्त किन बातों का रखें ध्यान, बता रही हैं