अधिकतर लोग खाने के शौकीन होते हैं क्योंकि खाना सिर्फ हमारे शरीर को जरूरी ऊर्जा ही उपलब्ध नहीं कराता बल्कि संतुष्टि और खुशी भी देता है। लेकिन जब यह शौक इतना बढ़ जाए कि इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो तो उसे ईटिंग डिसऑर्डर कहते हैं। ऐसा ही एक ईटिंग डिसआर्डर है, मिडनाइट फूड क्रेविंग्स। इसके शिकार लोगों का डिनर खाने के बाद भी खाने को लेकर दिल ललचाता रहता है और वो देर रात को स्नैक्स खाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक ऐसी आदत है जो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है और वजन कम करने के लक्ष्य को कभी भी प्राप्त करने नहीं देती। अगर यह आदत लगातार चलती रहे तो यह नाइट ईटिंग सिंड्रोम (एनईएस) में बदल जाती है। कुछ लोगों को एनईएस के कारण सोने में दिक्कत होती है, पर खाने के बाद उन्हें आराम मिलता है और अच्छी नींद आती है। नीचे लिखे एक या कई कारण मिलकर आपको इसका शिकार बना सकते हैं।
गहरी नींद न लेना
पर्याप्त और गहरी नींद न लेने से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और अधिक कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त स्नैक्स खाने का मन करता है।
कैसे बचें: 7-8 घंटे की पूरी नींद लें। दोपहर को सोने से बचें।
अत्यधिक तनाव लेना
Diese Geschichte stammt aus der October 21, 2023-Ausgabe von Anokhi.
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