गर्मी बढ़ गई है, एयर कंडीशनर ऑन कर दो। बढ़ते पारे के साथ एसी के इस्तेमाल और बिक्री में तेजी से इजाफा हो जाता है। इस दशक के अंत तक विश्व में एक अरब से ज्यादा एयर कंडीशनर हो जाएंगे। आंकड़े बताते हैं कि यह संख्या 2040 से पहले दोगुनी हो जाएगी। क्या आप जानती हैं कि भारत एयर कंडीशनर इस्तेमाल करने वाले देशों की इस लिस्ट में काफी आगे है। यहां करीब 1.4 अरब लोगों के पास एसी की सुविधा है सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2037 तक देश की पचास फीसदी जनसंख्या के पास एसी होगी।
यकीनन अभी तक के आंकड़ों ने आपकी आंखों में चमक ला दी होगी। पर, तसवीर जरा उलट है या यूं कहें भयानक है। एयर कंडीशनर के इस्तेमाल से क्लोरोफ्लोरोकार्बन, हाइडो-क्लोरोफ्लोरोकार्बन सरीखी गैसें निकलती हैं, जो गर्मी पैदा करने के साथ ही ओजोन की परत को भी नुकसान पहुंचाती हैं। इसके आगे के परिणाम के बारे में बताने की शायद जरूरत नहीं होगी। बस एसी ही नहीं बल्कि तमाम और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद भी गर्मी को बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं। स्थितियां विचारणीय हैं। औसत तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐसे में हमें कुछ प्रयास करने होंगे। हमें प्रकृति की ओर हाथ बढ़ाना होगा ताकि प्राकृतिक तौर पर आपके आशियाने का तापमान कम हो सके। आपको इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के प्रयोग को कम करना होगा। साथ ही हरियाली, प्राकृतिक फैब्रिक आदि को अपनी जिंदगी और घर का हिस्सा बनाना होगा यकीनन थोड़े से प्रयास ज्यादा लगेंगे, पर आपके प्रयासों से पहले आपके घर का और फिर हमारे देश और दुनिया के तापमान को बढ़ने से हम रोक सकेंगे।
सांस लेने वाले हों पर्दे
Diese Geschichte stammt aus der May 18, 2024-Ausgabe von Anokhi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der May 18, 2024-Ausgabe von Anokhi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
सर्दी का फैशनेबल साथी
सर्दी के फैशन की बातें टर्टलनेक स्वेटर के बिना अधूरी हैं। यह न सिर्फ ठंड से बचाता है बल्कि फैशनेबल भी दिखाता है। कैसे करें इस स्वेटर की स्टाइलिंग ताकि हर मौके पर आप दिखें शानदार, बता रही हैं भावना सिंघल
सिर्फ पांच मिनट में एंग्जाइटी को मात
एंग्जाइटी और तनाव जब हमला करते हैं, तो कुछ और सोचने की हिम्मत ही नहीं बचती। पर, कुछ प्रभावी तकनीक की मदद से आप सिर्फ पांच मिनट में एंग्जाइटी अटैक से उबर पाएंगी, बता रही हैं आयुषी गुप्ता
अपने काम से दें भेदभाव का जवाब
महिलाओं को ऑफिस में न सिर्फ अपना काम पूरा करना होता है बल्कि हर दिन असमानता और पूर्वाग्रहों का सामना भी करना पड़ता है। कैसे कार्यस्थल की इस चुनौती का सामना किया जाए, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
तरल पदार्थ के सेवन से जुकाम को दें मात
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार आहार विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, कविता देवगन
पिकनिक वाला मेन्यू
नए साल के मौके पर कई घरों में पिकनिक पर जाने का चलन है। अगर आप भी पिकनिक पर जाने की योजना बना रही हैं, पर मेन्यू को लेकर पशोपेश में हैं, तो ये रेसिपीज आपके काम आएंगी, बता रही हैं प्रतिज्ञा नारायण
कोई नहीं लगाएगा चेहरे पर दाग
क्या आपको भी अपने चेहरे पर भूरे-काले से हल्के धब्बे नजर आने लगे हैं? बढ़ती उम्र और खराब जीवनशैली के कारण होने वाले ये निशान हाइपरपिग्मेंटेशन कहलाते हैं। क्या है यह समस्या और कैसे इनसे पाएं छुटकारा, बता रही हैं स्मिता
सर्दियों में क्यों सताता है जोड़ों का दर्द?
ठंड का मौसम आते ही जोड़ों के दर्द की पुरानी शिकायत उभर आती है। ठंड और इस दर्द का क्या है कनेक्शन और कैसे इससे बचें, बता रही हैं शमीम खान
नया साल खुशहाल जिंदगी के नाम
जिंदगी हमेशा कुछ नया सीखने और आगे बढ़ने का नाम है। नया साल बस दस्तक ही दे रहा है। तो क्यों न नए साल में जिंदगी को खुशहाल बनाने के कुछ नियमों को अपनाया जाए? बता रही हैं स्वाति गौड़
तकनीक की दुनिया में हमारा बढ़ता दखल
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
लाल में दिखेंगी कमाल
लाल आत्मविश्वास, जोश और चमक का रंग है। पर, सही स्टाइलिंग के अभाव में इस रंग का ये सारा प्रभाव छूमंतर हो जाता है। कैसे करें इस रंग की स्टाइलिंग, बता रही हैं