मिले खुशी और सम्मान बस, इतना सा ख्वाब है
Anokhi|September 07, 2024
एक महिला कई तरह के रिश्तों की धुरी होती है। इन रिश्तों को मधुर बनाए रखने में वह अपनी पूरी ऊर्जा लगा देती है, पर बदले में कोई उससे कभी यह नहीं पूछता कि रिश्ते को लेकर तुम्हारी अपेक्षाएं क्या हैं? एक रिश्ते में महिला किन बातों की उम्मीद रखती है, यह भी समझना जरूरी है। महिलाओ की इन्हीं उम्मीदों पर रोशनी डाल रही हैं
स्वाति शर्मा
मिले खुशी और सम्मान बस, इतना सा ख्वाब है

मुझे समझ नहीं आता कि यह औरत चाहती क्या है?

मैं तंग आ चुका हूं। इसको समझना मेरे बस के बाहर है।

मेरी बीवी को खुश करना भगवान के लिए भी संभव नहीं।

औरत को तो ब्रह्मा भी नहीं समझ पाए।

कई पीढ़ियों से हम महिलाएं ऐसी ही बातें सुन रही हैं। पिताजी जिंदगी भर मां के बारे में यही बोलते रहे। दादा जी को तो हमेशा यही लगा कि दादी की हर बात बकवास है और अब भाई भी भाभी से ऐसे ही बातें करता है। कभी झल्लाते हुए अपने दोस्तों के आगे हम महिलाओं का ऐसा चरित्र-चित्रण किया जाता है, तो कभी तेज आवाज में सीधी बहस के बाद, ऐसे ही किसी एक डायलॉग के साथ बात को विश्राम दे दिया जाता है। रह जाता है तो एक सवाल, 'आखिर रिश्ते में क्या चाहती हैं महिलाएं ?'

लोगों को अकसर लगता है कि महिलाएं एक रिश्ते में पैसा, आकर्षक व्यक्तित्व और रसूख को तवज्जो देती हैं। पर क्या वाकई ऐसा है ? कुछ सर्वे हैं जो अलग ही कहानी बयां करते हैं। सर्वे के मुताबिक करीब 54.1 प्रतिशत महिलाओं के लिए साथी का समान परिवेश का होना जरूरी है। सिंगल महिलाओं पर हुए एक सर्वे से पता चलता है कि 18 से 34 साल की महिलाओं में 72 प्रतिशत सिंगल रहना ही पसंद करती हैं, जिसके पीछे के कारण हम सब समझ सकते हैं। वहीं शादी करने की इच्छा रखने या शादीशुदा महिलाओं में से करीब 77 प्रतिशत महिलाएं साथी के साथ समय बिताना, उनसे बात करना पसंद करती हैं। 51 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं कि साथी का अपने पुराने प्रेमी से कोई भी संपर्क न रहे। वहीं 47 प्रतिशत महिलाएं असुरक्षा के भाव से अपनी बातों को साथी से छिपाना पसंद करती हैं।

Diese Geschichte stammt aus der September 07, 2024-Ausgabe von Anokhi.

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