खुशी के मौकों पर घर को सजाना अपनी प्रसन्नता दिखाने का एक जरिया है। वैसे भी त्योहारी मौसम में लोग अपने घरों को रंगखु बिरंगी झालरों, लड़ियों और बंदनवार से सजाते हैं। इस सजावट में चार-चांद लगाने का काम करती है रंगोली, जिसे अल्पना भी कहते हैं। चाहे पूर्वी भारत हो या दक्षिण भारत, खास अवसरों पर अपने दरवाजे को रंगोली से सजाना बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में भी रंगोली को खुशियों और संपन्नता का प्रतीक माना गया है। इसलिए शुभ अवसरों पर फूलों, रंगों और यहां तक कि विभिन्न अनाजों से भी रंगोली बनाने का रिवाज है। अकसर लोग सोचते हैं कि एक खूबसूरत रंगोली बनाने के लिए हाथ में हुनर होना जरूरी है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है क्योंकि कुछ आसान से तरीके अपनाकर आप भी बहुत सुंदर रंगोली बना सकती हैं:
चुनें छोटा डिजाइन
यदि आपको रंगोली बनाने का अनुभव नहीं है। तो बेहतर होगा कि कोई जटिल और बड़ा डिजाइन चुनने की बजाय कोई छोटा और सरल पैटर्न चुनें। आप छोटे-छोटे पैटर्न की रंगोली बनाकर एक बड़ा डिजाइन आसानी से बना सकती हैं। इससे आपका हाथ भी आराम से चलेगा और रंगोली भी खूबसूरत बनेगी। जब एक बार रंगोली पूरी बन जाए तो आप अपनी इच्छानुसार उसमें कुछ और रंग-बिरंगे पैटर्न भर कर उसे बढ़ा सकती हैं।
सांचों का इस्तेमाल
Diese Geschichte stammt aus der October 26, 2024-Ausgabe von Anokhi.
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