डिजिटल एरा में कोई भी अपने विचार दुनियाभर में फैला सकता है. सोशल मीडिया ने सभी को आसान मंच दे दिया है. अब इस का इस्तेमाल कैसे करना है यह निर्भर उसी पर करता है जो इस का इस्तेमाल कर रहा है. कुछ लोग 7इस का बेहतर इस्तेमाल करते हैं मगर अधिकतर के लिए यह डस्टबिन बन गया है, जहां अपना सारा कचरा त्यागा जा रहा है.
बात यहां अनिरुद्धाचार्य महाराज की हो रही है, जिन के 'मेरे चरणों में आप का कोटिकोटि प्रणाम' और 'बिस्किट का मतलब विष की किट' जैसे मीम सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं. अनिरुद्धाचार्य महाराज भी उसी श्रेणी में आते हैं जो विज्ञान जनित टैक्नोलोजी का इस्तेमाल कर धर्म का प्रचारप्रसार करने में जुटे हैं. कथावाचकों की कैटेगरी में अनिरुद्धाचार्य महाराज का बड़ा नाम है और हालफिलहाल वे अपनी ऊटपटांग बातों से चर्चाओं में भी हैं.
सोशल मीडिया पर एक्टिव
यूट्यूब को इन का दूसरा गढ़ माना जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि ये भारत में इकलौते कथावाचक हैं जिन के 1 करोड़ 40 लाख से ऊपर सब्सक्राइबर्स हैं. इस लिहाज से देखा जाए तो इन्हें कथावाचकों का ध्रुव राठी कहा जा सकता है. इन का प्राइम चैनल अनिरुद्धाचार्य जी के नाम से है. इस के अलावा 'गौरी गोपाल आश्रम', 'गौरी गोपाल टीवी', 'अनिरुद्धाचार्य शौर्ट्स' भी इन्हीं के चैनल हैं. खुद ही अपने नाम के पीछे 'जी' और आगे 'श्री' लगाना संतों, कथावाचकों, बाबाओं के बीच आम प्रचलन है तो इन्होंने भी लगाया हुआ है. इन के प्राइमचैनल 'अनिरुद्धाचार्य जी' में 7 हजार से ज्यादा वीडियोज डाले गए हैं और प्रोफाइल भक्तिमयी दिखाई देती है.
अनिरुद्धाचार्य का जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के रेवझ गांव में हुआ था. उन का शुरूआती जीवन एक साधारण परिवेश में बीता, जहां उन्होंने धार्मिक ग्रंथों और वेदपुराणों का अध्ययन किया. उन्होंने वृंदावन में रामानुजाचार्य संप्रदाय से आने वाले संत गिरिराज शास्त्री से दीक्षा प्राप्त की. आज वे कथावाचकों की टोली के सरदार हैं.
Diese Geschichte stammt aus der July 2024-Ausgabe von Mukta.
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