भारत का जीवंत लोकतंत्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की बदौलत पूरी तरह बदलाव के मुकाम पर है. एआइ से संचालित कई नए ऐप्लिकेशन तेजी से रोजमर्रा की जिंदगी में घुसपैठ कर रहे हैं और चुनाव भी इसका अपवाद नहीं. मतदाताओं से एकदम निचले स्तर पर संपर्क करने से लेकर जनमत को प्रभावित करने तक एआइ में समूचे चुनाव अभियान को नई शक्ल दे पाने की क्षमता है. यानी वह अवसर और चुनौती दोनों पेश कर रहा है.
एआइ का एक सबसे महत्वपूर्ण असर यह है कि वह एकदम सटीक ढंग से मतदाता को साधने में सक्षम है. इसके लिए विशाल डेटा भंडार का इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें डेमोग्राफी, सोशल मीडिया एक्टिविटीज और ऑनलाइन बिहेवियर शामिल हैं. इनके आधार पर किसी मतदाता का व्यापक प्रोफाइल बन सकता है. इन प्रोफाइल्स को फिर निजी स्तर पर ऐसी सामग्री, विज्ञापन और मैसेज दिए जा सकते हैं जो उनकी दिलचस्पी और सरोकारों से जुड़े हों. घर-घर जाकर मिलने के पारंपरिक अभियान के उलट एआइ संचालित माइक्रो टारगेटिंग से ऐसी माकूल रणनीतियां बनाई जा सकती हैं जो मतदाताओं का रुख सटीक ढंग से मोड़ सकें.
हम एआइ संचालित विश्लेषकों के बहुत सारे ऐप्लिकेशन पहले ही देख चुके हैं. मसलन, एक राजनैतिक सलाहकार फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के करोड़ों प्रोफाइल से डेटा लेकर मतदाताओं का विस्तृत मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तैयार किया. उन्होंने इस सूचना का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत विज्ञापनों और संदेशों के रूप में मतदाताओं को लक्षित करने में किया. इस तरह 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं के फैसले को संभावित रूप से प्रभावित करने में इनका उपयोग किया गया.
Diese Geschichte stammt aus der January 17, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der January 17, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.