रोहिणी कपूर उस समय महज साढ़े दस वर्ष की थीं जब उन्होंने 1995 में पुनर्जन्म पर केंद्रित शाहरुख खान सलमान खान की फिल्म करण अर्जुन देखी थी. यह उस साल की पहली ऐसी फिल्म थी, जिसे उन्होंने बंबई के मिनर्वा सिनेमाहाल में तीन बार देखा. वे याद करती हैं, "मैंने इसे पैसा वसूल, सीटी-मार माहौल में देखा. कुछ दृश्य अब तक मेरे जेहन में वैसे ही बसे हैं, जैसे 'भाग अर्जुन भाग' वाला डायलॉग या फिर अस्तबल में इलेक्ट्रिक ब्लू बैकलेस ड्रेस पहनकर डांस करतीं काजोल पर फिल्माया गया 'जाती हूं मैं' गाना. "तीन दशक बाद शाहरुख की इस 40 वर्षीया प्रशंसक को 22 नवंबर को सिनेमाघरों में यह फिल्म फिर से रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार है. इस साल शाहरुख की कोई नई फिल्म रिलीज न होने के कारण कपूर यह 'आइकॉनिक' फिल्म फिर से देखने को बेताब हैं. वे कहती हैं, “शाहरुख के दूसरे फैंस की तरह मैं भी इस अनुभव का लुत्फ उठाना चाहूंगी.
"करण अर्जुन इस साल सिनेमाघरों में दूसरी बार रिलीज होने वाली हिंदी फिल्मों की लंबी फेहरिस्त में शुमार हो गई है. इससे पहले शाहरुख की स्टार-क्रॉस्ड रोमांस वीर जारा और सोहम शाह की बनाई पीरियड हॉरर तुम्बाड भी दोबारा रिलीज हो चुकी हैं. तुम्बाड तो इस साल की सबसे बड़ी सरप्राइज हिट साबित हुई, जिसने पहली बार 2018 में रिलीज होने के दौरान हुई कमाई से चार गुना ज्यादा कमाई की. सत्यजीत रे की महानगर से लेकर रणबीर कपूर की रॉकस्टार और वेक अप सिड जैसी क्लासिक फिल्मों ने भी सिल्वर स्क्रीन पर वापसी की है. रोहिणी कपूर जैसे दर्शक पुरानी क्लासिक फिल्में फिर से सिनेमाघर जाकर देखना पसंद कर रहे हैं, भले ही वे ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध क्यों न हों. सिनेमाघर वाले भी कमाई करके कम खुश नहीं.
» दूसरा मौका
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