चीन की पीपुल्स लिबरेषन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर 2022 को एलएसी पार करने का दुस्साहस किया। इसका भारतीय सैनिकों ने पुरजोरी से विरोध किया। इस दौरान हुए संघर्श में दोनों पक्षों के करीब 30 सैनिक घायल हुए हैं। गंभीर रूप से जख्मी छह भारतीय सैनिकों को गुवाहटी के अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस तीखी झड़प के बाद दोनों देषों के तवांग क्षेत्र के कमांडरों के बीच बातचीत के बाद षांति बहाल तो हो गई, लेकिन तनाव बना हुआ है। चीन के कितने सैनिक घायल हुए हैं, यह स्पश्ट तो नहीं हुआ है, लेकिन इनकी संख्या 30 के आसपास बताई जा रही है। याद रहे पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में 15 जून 2020 को एलएसी पर हुए खूनी संघर्श के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच यह सीधे टकराव का दूसरा अवसर है। गलवन के संघर्श में कप्तान संतोश बाबू समेत 20 भारतीय सैनिकों ने षहादत देते हुए चीनी सेना के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। इसमें करीब 60 चीनी सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन ने पांच के मारे जाने की ही पुश्टि की थी। इसके पहले सितंबर 2020 में पैंगोंग झील के निकट एएलसी पर ही चीनी सैनिकों ने गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया था। जिसका भारत ने कड़ा जबाव दिया था। बावजूद चीन की हरकतें भारत-चीन सीमा पर जारी हैं।
Diese Geschichte stammt aus der December 2022-Ausgabe von Open Eye News.
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