कभी तीन तलाक को लेकर कभी दाढ़ी को लेकर कभी पसमांदा और अशरफ़ी मुसलमानों को लेकर कभी ईरान- अरब के मुस्लिम जगत पर कथित वर्चस्व आदि जैसे अनेक मुद्दों को लेकर दुनिया में कहीं न कहीं विरोध या अंतर्विरोध की खबरें आती ही रहती हैं। दुनिया के मुसलमानों को बदनाम करने में जो बची खुची कमी है वो अलकायदा, आई एस आई तालिबान जैसे अनेक अतिवादी व आतंकी संगठन समय समय पर अंजाम दी जाने वाली अपनी क्रूर कारगुज़ारियों से पूरी करते रहते हैं। मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा ऐसा ही एक विवादित विषय है हिजाब या पर्दा। पिछले कुछ समय से हिजाब विवाद की गूँज भारत से लेकर ईरान तक सुनाई दे रही है। भारतीय अदालतों में भी इस विवाद ने दस्तक दे डाली। भारत में कट्टरपंथी दक्षिण पंथियों द्वारा फ़रवरी 2022 में कर्नाटक के उडुप्पी में एक कॉलेज छात्रा द्वारा हिजाब पहनने का विरोध किया गया जोकि आग की तरह फैल गया। कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं को कक्षाओं में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी थी। 5 फरवरी 2022 को कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न कॉलेज में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया। कर्नाटक के कई कॉलेज में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के बाद कर्नाटक के उच्च न्यायालय में भी दो याचिकाएं दायर की गई हैं। बाद में यही हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया।
Diese Geschichte stammt aus der December 2022-Ausgabe von Open Eye News.
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