इसके पूर्व भी सोशल मीडिया कंपनियों मेटा ट्विटर गूगल इत्यादि द्वारा हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। परंतु भारत में घरेलू कंपनियों में इस वैश्विक मंदी का डर कम ही दिखाई दे रहा है। पिछले दिनों से हम सुन रहे हैं कि पीएम ने 71 हजार युवकों को नियुक्ति पत्र सौंपा,केंद्रीय गृहमंत्री ने चौवाँलीस सव युवकों को नियुक्ति पत्र सौंपा उधर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनें ताजा आंकड़ों में बताया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा उत्पादन साल 2023 में भारत में होने वाला बताया गया है। भारत को वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद पर 5.9 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसके बाद 5.2 प्रतिशत के साथ चीन दूसरे नंबर पर है। साथियों बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति की सिफारिश पर विश्व बैंक का अगला प्रमुख भारतीय मूल के अजय बांगो को बनाया गया है जो 2 जून 2023 में अपना पद ग्रहण करेंगे। चूंकि दिनांक 4 मई 2023 को वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स नाम के ट्विटर हैंडल ने विभिन्न एजेंसियों के आंकड़ों के आधार पर विभिन्न देशों के में मंदी की आशंका जाहिर की है और उसमें डाटा भी जारी किए हैं, जिनमें भारत को जीरो स्थान दिया गया है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, वैश्विक मंदी की आशंका, छंटनी बनाम भर्ती । भारत वैश्विक मंदी की संभावना में जीरो रैंकिंग के साथ हीरो बनकर उभरा। साथियों बात अगर हम आर्थिक मंदी की संभावना के चलते छंटनी की करें तो, अखबारों का इकॉनमी वाला पेज हो या न्यूज़ वेबसाइट्स का बिजनेस वाला कोना इनमें पिछले कुछ महीनों से एक तरह की खबर लगातार दिखाई दे रही है, जिनकी हेडलाइन में च्छंटनीज्या ले ऑफ शब्द कॉमन है। इनमें ख़बर लगभग एक सी होती है कि फ कंपनी ने अपने इतने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया या निकालने वाली है।
Diese Geschichte stammt aus der May 2023-Ausgabe von Open Eye News.
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